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खटीमा में वन विभाग और WWF की संयुक्त पहल के तहत….ग्रामीणों को विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स की भूमिका पर जागरूक किया गया…बैठक में बताया गया कि हर गांव से बनाए गए…वालिंटियर समूह वन्यजीव संघर्ष की शुरुआती जानकारी देने में अहम भूमिका निभाते हैं…साथ ही रेंजर महेश चंद जोशी ने कहा कि तीनों रेंज में बनाए गए..केकेएस कॉरिडोर के तहत टीमों को मजबूत बनाने और उपकरणों के बेहतर मेंटेनेंस पर चर्चा की गई...
वन्यजीव-मानव संघर्ष को रोकने और ग्रामीणों को अधिक जागरूक बनाने को लेकर...वन विभाग और WWF की संयुक्त पहल पर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई….जिसमें खटीमा, सुरही और खिलपुरा रेंज के स्टाफ ने विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स की भूमिका पर चर्चा की....अधिकारियों ने बताया कि हर गांव से चुने गए ये वालंटियर जंगल के आसपास होने वाली....गतिविधियों की सबसे पहली जानकारी देते हैं..और इन्हें संघर्ष की स्थिति से निपटने के लिए विशेष ट्रेनिंग भी दी जाती है....इसके साथ ही प्रस्ताव रखा गया कि हर घर से 10 रुपये मासिक एकत्र कर....मेंटेनेंस फंड तैयार किया जाएगा....आपकों बता दें विलेज वॉलिंटियर प्रोटेक्शन फोर्स एक ग्रामीण स्वयंसेवी व्यवस्था है....जिसे उत्तराखंड के खटीमा, सुरही और खिलपुरा रेंज में वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए शुरू किया गया है....वहीं रेंजर महेश चंद जोशी ने बताया कि तीनों रेंज में बने केकेएस कॉरिडोर के माध्यम से संघर्ष की स्थिति में रोकथाम में मदद मिल रही है...
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