Patrakar Priyanshi Chaturvedi
सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के थाना भेज्जी एवं चिंतागुफा के सीमावर्ती क्षेत्र तुमालपाड़ जंगल हुए मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 3 माओवादियों को मार गिराया। जिसमें 2 महिला माओवादी सहित 3 माओवादी कैडरों के शव डीआरजी टीमों द्वारा बरामद किए गए हैं। इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है।
सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने रविवार सुबह मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए बताया कि 16 नवंबर को सुकमा जिले के थाना भेज्जी एवं चिंतागुफा के सीमावर्ती क्षेत्र के तुमालपाड़ जंगल एवं पहाड़ी इलाके में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना पर जिला रिज़र्व गार्ड ( डीआरजी ) की टीम द्वारा क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। सर्च अभियान के दौरान आज सुबह से डीआरजी जवानों और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हुई। तुमालपाड़ मुठभेड़ स्थल से अब तक 02 महिला माओवादी सहित कुल 03 माओवादी कैडर मारे गए हैं।
तीनों नक्सली इनामी
एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि मारे गए नक्सलियों की पहचान माड़वी देवा (5 लाख का इनामी) जनमिलिशिया कमांडर, स्नाइपर स्पेशलिस्ट एवं कोंटा एरिया कमेटी सदस्य, पोड़ियम गंगी (5 लाख का इनाम) कोंटा एरिया कमेटी सीएनएम कमांडर, सोड़ी गंगी (5 लाख का इनाम) किस्टाराम की एरिया कमेटी सदस्य के रूप में हुई। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ स्थल से .303 राइफल एवं अन्य हथियार, गोला-बारूद सामग्री भी बरामद की गई है।
बस्तर आईजी पी सुन्दरराज पट्टलिंगम ने स्पष्ट कहा कि माओवाद अब बस्तर में अपने अंतिम चरण में हैं और माओवादी कैडरों के समक्ष हिंसा का मार्ग छोड़ कर सरकार की पुनर्वास नीति अपनाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने चेतावनी दी कि संगठन की पकड़ टूट चुकी है और अब उनकी दहशत व भ्रम का षड्यंत्र बस्तर में नहीं चलेगा।
आईजी ने बताया कि पुलिस, सुरक्षा बलों और विभिन्न हितधारकों की संयुक्त कार्रवाई से बस्तर में बचे हुए नक्सली ठिकानों का तेज़ी से सफाया किया जा रहा है। बस्तर रेंज में वर्ष 2025 में अब तक सेंट्रल कमेटी मेंबर्स, डीकेएसजेडसी मेंबर्स और पीएलजी काड्र्स सहित कुल 233 माओवादी मारे जा चुके हैं, जो माओवाद की निर्णायक पराजय का प्रमाण है। आसपास के इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा व्यापक सर्चिंग की जा रही है।
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