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नई दिल्ली । उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर एक वकील द्वारा हमले की कोशिश को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित बताते हुए न्याय पालिका की गरिमा और विधि के शासन पर सीधा हमला करार दिया।
खरगे ने सोमवार को सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, ”एक ऐसे व्यक्ति को निशाना बनाना, जो संविधान की रक्षा के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचा है, बेहद विचलित करने वाला संदेश देता है। उन्होंने कहा कि यह धमकी और अपमान का प्रयास है, जो हमारी न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि “न्याय और तर्क की जीत होनी चाहिए, धमकी की नहीं।”
कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है बल्कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, ईमानदार आवाज़ों को डराने और न्यायपालिका में जनता के भरोसे को कमज़ोर करने की साजिश का हिस्सा है। भारत में डर नहीं, कानून का शासन होना चाहिए और ऐसी घटनाएं न्याय व्यवस्था पर जनता के भरोसे को कमजोर करती हैं। न्यायपालिका की सुरक्षा, गरिमा और स्वतंत्रता को राजनीतिक हस्तक्षेप और धमकी से बचाया जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि आज उच्चतम न्यायालय की कार्यवाही के दौरान 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने कोर्ट रूम में मुख्य न्यायाधीश की ओर कथित रूप से कुछ फेंकने की कोशिश की थी। मौके पर मौजूद दिल्ली पुलिस के एक कांस्टेबल ने तुरंत उन्हें पकड़ लिया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार आरोपित कथित तौर पर भगवान विष्णु से संबंधित एक टिप्पणी से आहत था।
कोर्ट रूम से बाहर ले जाते समय आरोपित ने नारेबाज़ी करते हुए कहा, “सनातन धर्म का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।” इस दौरान मुख्य न्यायाधीश शांत रहे और कार्यवाही प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने प्रतिक्रिया में कहा, “इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।”
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