वाराणसी में पहली बार प्रधानमंत्री माेदी ने किसी राष्ट्राध्यक्ष के साथ की औपचारिक वार्ता
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वाराणसी । उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र वाराणसी (काशी) गुरुवार को एक ऐतिहासिक कूटनीतिक अवसर की साक्षी बनी, जब भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। पहली बार प्रधानमंत्री मोदी ने काशी में किसी राष्ट्राध्यक्ष के 

साथ औपचारिक रूप से द्विपक्षीय वार्ता की।

 

काशी में नदेसर स्थित होटल ताज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने सकारात्मक और सौहार्दपूर्ण वातावरण में कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। यह वार्ता इस मायने में एतिहासिक रही कि अपने

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसी राष्ट्राध्यक्ष के साथ औपचारिक बैठक की। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री अब स्मृतिशेष शिंजो आबे की मेजबानी की थी, लेकिन उनके साथ 

औपचारिक वार्ता नहीं हुई थी। यह पहली बार है जब काशी में किसी राष्ट्राध्यक्ष के साथ औपचारिक रूप से द्विपक्षीय वार्ता हुई।

 

मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मेजबानी और काशी में मिले सम्मान से अभिभूत दिखे। मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने काशी में मिले सम्मान के लिए आभार जताया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि काशी में मिला आतिथ्य और सम्मान अप्रत्याशित और अभूतपूर्व है। मुझे खुशी है कि काशी आपका निर्वाचन क्षेत्र है। मैं समझ सकता हूं कि आप इतने बड़े बहुमत से क्यों चुने गए हैं। वाराणसी में आने के बाद मैं और मेरी पत्नी दोनों उस स्वागत से आश्चर्यचकित हैं, जो हमें मिला। मेरा मानना ​​​​है कि किसी अन्य प्रधानमंत्री को कभी ऐसा नहीं मिला। रामगुलाम की पत्नी वीना रामगुलाम भी वाराणसी के दौरे पर साथ थीं।

 

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस वर्ष हम सर शिवसागर रामगुलाम की 125वीं जयंती मना रहे हैं। वे केवल मॉरीशस के राष्ट्रपिता ही नहीं, बल्कि भारत और मॉरीशस के बीच अटूट सेतु के संस्थापक भी थे। उनकी यह जयंती हमें मिलकर अपने संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने की प्रेरणा देती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मां गंगा के प्रवाह के साथ काशी मॉरीशस को समृद्ध करता रहा है। वहां के दोस्‍तों का काशी में स्‍वागत औपचार‍िक नहीं बल्कि आत्‍म‍िक म‍िलन है।

Dakhal News 11 September 2025

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