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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम 100 वर्ष की संघ यात्रा: नए क्षितिज को संबोधित करते हुए कई बड़ी बाते कही हैं साथ ही उन्होंने हिन्दू राष्ट्र का मतलब भी बताया है : करीब 40 मिनट के लंबे भाषण में मोहन भगवत ने इतिहास, समाज और राजनीति से जुड़े कई पहलुओं का जिक्र किया ; भागवत ने कहा कि जब हम हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो लोग सवाल उठाते हैं : लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि : हमारा राष्ट्र पहले से ही है : अगर हिंदू शब्द हटा भी दें, तब भी उस पर विचार करना चाहिए : हिंदू राष्ट्र का मतलब किसी को अलग करना नहीं है : अगर हम हिंदू राष्ट्र कहते हैं तो हम किसी को छोड़ रहे हैं, यह ठीक नहीं है : हम किसी के विरोध में नहीं हैं : भागवत ने कहा कि हिंदू नाम हमें बाहर के लोगों ने दिया है : उन्होंने कहा कि हम कभी मनुष्यों में अंतर नहीं करते थे : हमारे देश में कई धर्म थे लेकिन सबका स्वभाव स्वीकार करने वाला था : ऐसी श्रद्धा रखने वालों को ही हिंदू कहा गया : दूसरों की भी श्रद्धा का सम्मान करो : उसका अपमान मत करो : मोहन भागवत ने कहा कि सब इसी मिट्टी से बने हैं : मिलजुलकर रह सकते हैं : फालतू में झगड़ा क्यों करते हो : संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के लोगों का डीएनए पिछले 40,000 वर्षों से एक जैसा है : भारत पहले से ही अखंड है और विविधता में एकता इसकी असली ताकत है : उन्होंने कहा : हम यह नहीं मानते कि एक होने के लिए सबको एक जैसे कपड़े या एक जैसी सोच रखनी होगी : यह डाइवर्सिटी में यूनिटी का ही एक प्रारूप है
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