Patrakar Priyanshi Chaturvedi
रायपुर । मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप पर दुर्ग जीआरपी के दो ननों की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस सांसदों ने इसे अल्पसंख्यकों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला करार दिया। इसको लेकर इंडी गठबंधन के सांसद आज ननों से दुर्ग जेल में मिलने पहुंचे
हैं वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग करके मतांतरण किए जाने की कोशिश बताया है।
साय ने कहा कि प्रकरण न्यायालीन है और कानून अपने हिसाब से काम करेगा। छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है जहाँ सभी धर्म-समुदाय के लोग सद्भाव से रहते हैं। हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना बेहद दुर्भाग्यजनक है। तीनों फिलहाल रायपुर जेल में हैं। रेलवे पुलिस ने पुष्टि की है कि सुखमन नारायणपुर के चर्च का एजेंट है और उसकी बहन भी लंबे समय से इस कार्य में संलिप्त है।
पुलिस अधीक्षक, जीआरपी श्वेता सिन्हा ने कहा कि मतांतरण और मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार सुखमन मंडावी से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं। मामले में कुछ और संदिग्धों के नाम सामने आए हैं। जांच के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी।सुखमन के अनुसार नारायणपुर और ओरछा में छह से अधिक चर्च हैं। मिशनरी संस्थाएं मुफ्त चिकित्सा, शिक्षा, नौकरी और पैसों का लालच देकर लोगों को मतांतरित कर रही हैं।
दुर्ग जेल में बंद ननों वंदना फ्रांसिस और प्रीति मेरी से मिलने के लिए आज इंडी गठबंधन के सांसद पहुंचे। ननों से मिलने वाले लोगों में कांग्रेस सांसद सप्तगिरी उल्का,केरल के नेता बेनी बेहनान, फ्रांसिस जॉर्ज, एनके प्रेमचंदन और कांग्रेस अल्पसंख्यक नेता अनिल ए थॉमस आए हैं। कांग्रेस सांसदों समेत प्रतिनिधिमंडल ने जेल में जाकर ननों से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद रिपोर्ट तैयार कर सांसद कांग्रेस आलाकमान को सौंपेंगे। उन्होंने ननों को निर्दोष बताकर की रिहाई की मांग की।
सांसदों के दल में शामिल केरल के सांसद एनके प्रेमचन्दन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दो धार्मिक महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पर मानव तस्करी और धर्मांतरण के आधारहीन आरोप लगाए हैं। ये अल्पसंख्यकों पर हमला है। उन्होंने कहा कि तीनों महिलाओं की उमर 21, 23 और 25 है, जिन्हें काम करने के लिए ले जा रहे थे। यह धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार पर हमला किया जा रहा है। सांसद ने कहा कि क्रिश्चियंस पर अटैक हो रहा है, इसलिए हमने ये कमेटी बनाई है। बुधवार लोकसभा में ये विषय उठाया जाएगा। सांसद फ्रांसिस जॉर्ज ने कहा कि दोनों नन निर्दोष हैं, उन्हें जबरन फंसाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन युवतियों को उनके साथ ले जाया जा रहा था, वे पहले से ही ईसाई धर्म अपना चुकी थीं और जॉब के लिए जा रही थीं। यह मामला धर्मांतरण का नहीं, बल्कि एक सामाजिक भ्रम है।फ्रांसिस ने कहा कि दो ननों को पुलिस ने गलत धाराओं में गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि 25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने रेलवे पुलिस को मानव तस्करी और धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए दो ननों और एक युवक जानकारी दी थी। उन पर आरोप लगाया गया कि तीनों, नारायणपुर जिले की तीन लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे हैं। जीआरपी थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी में मामले की जांच के बाद धर्मांतरण की धारा 4 के तहत मामला दर्ज कर तीनों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया था।
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