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भोपाल । पंचायत एवं ग्रामीण विकास एवं श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा है कि हमें जल, भूमि संरक्षण के लिये अभी से ठोस प्रयास करने होंगे। जल स्रोतों के रिचार्जिंग सिस्टम को बढ़ाना होगा। फसलों का चक्रीकरण और पौधरोपण में वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग को बढ़ावा देना होगा। मंत्री पटेल सोमवार को राजीव गांधी जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन की साधारण सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने बैठक में चिंता करते हुए कहा कि बढ़ती जनसंख्या के कारण जल स्रोतों के रिचार्जिंग सिस्टम धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं। नदियों के उद्गम स्थलों का संरक्षण नहीं करने के कारण उनके स्रोत सूखते जा रहे हैं। मरूस्थलीकरण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ रही है। इस अवसर पर पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्रीमती राधा सिंह, प्रमुख सचिव श्रीमती दीपाली रस्तोगी, प्रमुख सचिव पीएचई पी. नरहरि सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मंत्री पटेल ने कहा कि “राजीव गांधी जल संग्रहण क्षेत्र प्रबंधन मिशन” के अंतर्गत विभिन्न विभागों से मिशन के परिणामों की जानकारी प्राप्त की जाए। उन्होंने कहा कि मिशन के तहत सभी परियोजनाओं का थीमेटिव विश्लेषण किया जाये। मंत्री पटेल ने कहा कि वॉटर शेड परियोजनाओं के बेहतर परिणामों के लिये एनजीओ को संबद्ध करने की नीति तैयार की जाये। उन्होंने कहा कि “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना” की प्रगति का आंकलन जमीनी स्तर पर करें। मंत्री पटेल ने कहा कि वॉटर शेड परियोजनाओं के अंतर्गत क्लस्टर आधारित सब्जी उत्पादन का कार्य अच्छा करने वाले जिलों का स्वयं भ्रमण करेंगे। इस अवसर पर चंदेला-बुंदेला तालाबों का जीर्णोद्धार कार्यशाला प्रतिवेदन की पुस्तिका का विमोचन भी किया गया।
मिशन संचालक अवि प्रसाद ने बैठक में साधारण सभा के समक्ष विभिन्न एजेंडा प्रस्तुत किये। उन्होंने पीएमकेएसवाय 2.0 की प्रगति, वॉटर शेड परियोजनाओं का सोशल ऑडिट, परियोजना के प्रभावों का विश्लेषण, मिशन के संस्थागत सुदृढ़ीकरण, जीआईएस एवं एआई सुविधा विकसित करने आदि विषयों के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत वॉटर शेड परियोजनाओं के निरीक्षण के लिये एरिया ऑफिसर मोबाइल ऐप का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने वॉटर शेड वर्क मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर की जानकारी भी दी।
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