मुख्यमंत्री ने सहकारिता के थीमेटिक सेशन को किया संबोधित
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भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि व्यापार-व्यवसाय में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका है। दुग्ध क्षेत्र, पर्यटन, एमएसएमई सहित हर क्षेत्र में सहकारिता का अलग ही महत्व है। सहकारिता के बिना कुछ भी संभव नहीं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जीआईएस के दूसरे दिन मंगलवार को थीमेटिक सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने राज्य सरकार की ओर से आश्वासन दिया कि जिस क्षेत्र में भी इन्वेस्टर काम करना चाहते हैं, म.प्र. सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मौजूदगी में 19 एमओयू होना क्रांतिकारी पहल है। यह सहकारिता और अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने के लिये उपयोगी साबित होंगे।

सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने को-ऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट-पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल की घोषणा कर सहकारिता क्षेत्र में सीपीपीपी के तहत कुल राशि 2305 करोड़ रूपये की राशि में 19 एमओयू किये गये। मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश का सीपीपीपी मॉडल देश की सहकारिता को बदलने का काम करेगा। बिना सहकार के रोजमर्रा की जिंदगी नहीं जी सकते। सहकारिता क्षेत्र में बड़े-बड़े उद्योगपतियों को भी जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र का नेटवर्क बहुत बड़ा है। हर व्यक्ति तक पहुंच बनाने के लिए सहकारिता बड़ा माध्यम है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत@2047 के सपने को पूरा करने के लिये सहकारिता को मूल बनाया तो उस ध्येय तक पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सहकार से ही समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

मंत्री सारंग ने सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि निवेश विंग डे-टू-डे काम करेगी। वो स्वयं इसकी मॉनीटरिंग करेंगे। उन्होंने जुड रहे निवेशकों का धन्यवाद दिया और नये इन्वेस्टर से जुडने का आग्रह किया कि सभी देश और प्रदेश की इकॉनॉमी ग्रोथ में अपना योगदान दें।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ ने कहा कि सहकारिता हमारा संस्कार है। पुराने समय से ही सहकारिता का अपना अलग महत्व है। उन्होंने बताया कि एक लाख पैक्स देशभर में है और 30 करोड़ की आबादी सहकारिता से जुड़ी हुई हैं। इस अमृतकाल में यही वह क्षेत्र है जो बहुत ज्यादा आगे बढ़ सकता है। सहकारिता में पैक्स को कम्प्यूटराईजेशन का काम चल रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं विश्वास करें अगले दो वर्ष में यह समृद्धि के नये कीर्तिमान रचेगी। म.प्र. का नया सीपीपीपी मॉडल को भारत सरकार की ओर से पूरा सहयोग कर आगे बढ़ाया जायेगा।

अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल ने कहा कि जीआईएस में पहली बार सहकारिता क्षेत्र को जोड़ा गया है। हर क्षेत्र में सहकारिता की समितियां है। उन्होंने बातया कि मध्यप्रदेश में एक करोड़ 9 लाख सदस्य है और 16 हजार आउटलेट का नेटवर्क है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि म.प्र. में पैक्स हर जरूरत पूरी करेगी। यह किसानों के लिये भी लाभदायक होगा।

कार्यक्रम में रिलायंस के कुमार अभिषेक, प्रतिभा सिन्टेक्स के श्रेयसकर चौधरी, एग्रीविस्टा के राजीव सिंह, वैधनाथ के अनिरूद्ध गौर, भारतीय बीज के जे.पी. सिंह, मेजेस्टिक बासमती के विज्ञान लोधा, आरएम ग्रुप के अनिमेष जैन, मशरूम वर्ल्ड के समीर सागर, वी विन के अभिषेक गुप्ता, न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति के प्रदीप द्विवेदी, सावीर बॉयोटेक के संदीप सुदन आदि ने अपने विचार साझा किये।
 
मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में एमओयू -
मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र में कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (सीपीपीपी) मॉडल के अंतर्गत कुल राशि 2305 करोड़ रुपये की राशि के 19 एमओयू हुए हैं।

- रिलायंस द्वारा राशि 1,000 करोड़ रुपये
- वैद्यनाथ ग्रुप द्वारा निवेश का प्रस्ताव भी प्राप्त हुआ है।
- मैजेस्टिक बासमती राइस प्राइवेट लिमिटेड रायसेन द्वारा राशि 1000 करोड़ रुपये
- आरएम ग्रुप द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये
- मशरूम वर्ल्ड भोपाल द्वारा राशि 100 करोड़ रुपये
- वी विन लिमिटेड भोपाल द्वारा राशि 40 करोड़ रुपये
- न्यूट्रेलिस कृषि उत्पादक सहकारी समिति नोएडा यूपी द्वारा राशि 30 करोड़ रुपये
- एग्रीविस्टा एआई प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राशि 25 करोड़ रुपये
- सवीर बायोटेक लिमिटेड नोएडा यूपी द्वारा राशि 10 करोड़ रुपये

 

Dakhal News 25 February 2025

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