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'छावा' छत्रपति संभाजी महाराज की अनसुनी कहानी है। फिल्म में संभाजी के किरदार को विक्की कौशल ने निभाया है। वीर मराठा योद्धा के साहस, संघर्ष और विरासत को दर्शाने में ये फिल्म पूरी तरह कामयाब हुई है। फिल्म में विक्की कौशल को महारानी येसुबाई के रूप में रश्मिका मंदाना का साथ मिला है। खतरनाक औरंगजेब के रूप में अक्षय खन्ना कहानी को और बल दे रहे हैं। खतरनाक एक्शन, भावनात्मकता और ऐतिहासिक भव्यता का मिश्रण ये कहानी पेश कर रही है। तेज भागती ये कहानी शुरू से अंत तक बांधे रखती है। वीरता और बलिदान के साथ-साथ विश्वासघात के दर्द और स्वतंत्रता की निरंतर खोज के बारे में विस्तार से जानने के लिए पढ़ें पूरा रिव्यू।
कैसी है कहानी
कहानी जनवरी 1681 के दौर से शुरू होती है, जहां मुगल बादशाह औरंगजेब को मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन की खबर मिलती है। ये खबर मिलते ही औरंगजेब राहत की सांस लेता है। औरंगजेब को लगता है कि अब वो आराम से डेकन के मराठा साम्राज्य पर कब्जा कर लेगा। इस दौरान औरंगजेब को छत्रपति संभाजी महाराज उर्फ छावा की शक्ति का अहसास नहीं होता। इसी बीच छावा बुरहानपुर पर हमला करते हैं और मुग़लों को हरा देते हैं। उस दौर में बुरहानपुर, मुगलों का सबसे कीमती शहर था। इस जीत का जश्न मनाते हुए छावा, औरंगजेब को डेकन पर अपनी शैतानी नजर न डालने की चेतावनी देते हैं।
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