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नए साल के पहले दिन छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में एक अनोखी तस्वीर देखने को मिली। इस दिन लाखों लोगों ने बालाजी का आशीर्वाद लिया और हनुमान चालीसा का पाठ कर परिक्रमा की। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस मौके पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि आज के नौजवान नया साल मनाने के लिए होटल और ढाबों में जाने के बजाय मंदिरों में पहुंच रहे हैं, जो कि समाज में आ रहे बदलाव का संकेत है।
पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस बदलाव को "बदलाव की बयार" करार दिया, और कहा कि यह संकेत है कि लोग अब अपनी धार्मिकता और संस्कृतियों से जुड़ रहे हैं। बागेश्वर धाम में लाखों लोग नए साल की शुरुआत भगवान के आशीर्वाद से कर रहे हैं, जो कि समाज में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वर्ष 2024 में 32 लाख से अधिक लोग अन्नपूर्णा का प्रसाद लेकर इसका लाभ उठाए थे। बागेश्वर धाम में अन्नपूर्णा सेवा अनवरत चल रही है, जिसमें गरीबों और जरूरतमंदों को राशन और अन्य सहायता दी जाती है। पं. शास्त्री ने बताया कि अन्नपूर्णा सेवा के तहत वितरण की गई राशन सामग्री का आंकड़ा और खर्च किए गए राशन की जानकारी भी उपलब्ध है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने आगे कहा कि बागेश्वर धाम हमेशा सनातन धर्म और हिंदू एकता के लिए काम करता रहेगा और वे इसे बनाए रखने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं। इस परिवर्तन को लेकर उन्होंने युवाओं की सराहना की और कहा कि यह बदलाव देश की दिशा और धर्म के प्रति जागरूकता को दर्शाता है।
यह घटना यह साबित करती है कि अब लोग अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों को प्राथमिकता दे रहे हैं, और नया साल मनाने का तरीका भी एक नया रूप ले रहा है।
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