MP का जैविक कपास घोटाला, पीयूष गोयल ने की पुष्टि, दिग्विजय सिंह ने लिखा था पीएम मोदी को पत्र
मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने लगभग चार महीने पहले मध्य प्रदेश में जैविक कपास घोटाले का मुद्दा उठाया था। इसे लेकर अगस्त माह में उन्होंने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा था और मामले की जाँच कराने की मांग की थी। अब इस घोटाले की पुष्टि हो गई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दिग्विजय के पत्र का जवाब देते हुए कहा है कि जैविक कपास प्रमाणीकरण में अनियमितता के मामले में कार्रवाई की गई है और आगे भी कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।

पीयूष गोयल ने अब जवाबी पत्र में लिखा है कि ‘मैं आपको सूचित करना चाहता हूँ कि राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एन.पी.ओ.पी) विनियमन के प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन के आधार पर, एक प्रमाणन निकाय को एक वर्ष की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है और कुछ अन्य प्रमाणन निकायों पर कार्यवाही जारी है। उक्त उत्पादक समूह एन.पी.ओ.पी के तहत पंजीकरण से रद्द कर दिया गया है। इसके अलावा, इस विभाग ने इस मुद्दे को इंदौर के पुलिस आयुक्त और धार, मध्य प्रदेश के पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी उठाया है और मामले का संज्ञान लेने और कानून के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है।’

क्या है मामला

दिग्विजय सिंह ने 27 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने मध्य प्रदेश में ऑर्गेनिक कॉटन घोटाले की जांच कराने का आग्रह किया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखा था कि एमपी के निमाड़ अंचल में ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादकों के फर्जी समूह बनाए गए हैं और इन समूहों में ऐसे गांवों के किसानों के नाम भी शामिल किए गए हैं जो न तो ऑर्गेनिक कॉटन का और न ही साधारण बीटी कॉटन का उत्पादन करते हैं। साथ ही पूर्व सीएम ने लिखा था कि कंट्रोल यूनियन नामक सर्टिफिकेशन बॉडी द्वारा बगैर भौतिक सत्यापन के एपिडा और व्यापारियों की मिलीभगत से ऑर्गेनिक उत्पादन के सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं। उन्होंने आग्रह किया था कि प्रधानमंत्री जी इस मामले की जांच कराएं और दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करें। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कहा था कि यह घोटाला भले ही मध्य प्रदेश से उजागर हुआ हो, लेकिन इसकी जड़ें पूरे देश में फैली हुई हैं। उन्होंने आग्रह किया कि देश भर में ऑर्गेनिक उत्पादों को प्रमाणपत्र देने का काम कर रही सभी सर्टिफिकेशन बॉडीज द्वारा जारी सर्टिफिकेट की निष्पक्ष जांच करवाएं।

दिग्विजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे गए पत्र के जवाब में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जवाबी पत्र भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि जैविक कपास प्रमाणीकरण में अनियमितता के मामले में कार्रवाई की गई है। केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि इस सम्बन्ध में जुलाई और अगस्त 2024 में जांच की गई और राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) विनियमन के प्रमाणन प्रक्रिया में गंभीर उल्लंघन पाया गया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि एक प्रमाणन निकाय को एक वर्ष की अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया है और कुछ अन्य प्रमाणन निकायों पर कार्यवाही जारी है। उन्होंने कहा है कि संबंधित उत्पादक समूह को एनपीओपी के तहत पंजीकरण से रद्द कर दिया गया है। पीयूष गोयल ने कहा है कि इस मामले को इंदौर के पुलिस आयुक्त और धार, मध्य प्रदेश के पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी उठाया गया है और मामले का संज्ञान लेने और कानून के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय इस मामले पर उचित कार्रवाई जारी रखेगा।

Dakhal News 13 December 2024

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