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दुनिया के कई हिस्सों में चल रहे संघर्षों के बीच 'मासूम', 'मिस्टर इंडिया' और 'बैंडिट क्वीन' जैसी हिंदी फिल्मों के लिए मशहूर फिल्ममेकर शेखर कपूर का कहना है कि अगर देश एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना शुरू कर दें, तो उनके बीच झगड़े रुक सकते हैं। गोवा में शुरू हुए इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल महोत्सव के 55वें संस्करण (55th IFFI) में निर्देशक कपूर ने शिरकत की है और बड़ी बात कह डाली है।
इफ्फी के उद्घाटन के दौरान 78 वर्षीय डायरेक्टर शेखर कपूर ने कुछ ऐसा कह दिया है, जो अब चर्चा का विषय बन सकता है। आइए एक नजर उनके बयान पर डालते हैं। शेखर ने कहा है- इस ध्रुवीकृत दुनिया में, देशों के भीतर, समुदायों के भीतर, एक-दूसरे से बात करने का एकमात्र तरीका एक-दूसरे को अपनी कहानियां सुनाना है। डा श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में आयोजित औपचारिक समारोह के दौरान उन्होंने कहा कि कहानियां वह होती हैं, जिससे हम संबंधित होते हैं, कहानियां वह होती हैं, जिससे हम एक-दूसरे को समझते हैं और यही चलता रहना चाहिए। भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में सबसे बड़ा कंटेंट निर्माता है और हम दुनिया में सबसे बड़े कंटेंट उपभोक्ता हैं।इसलिए, इस महोत्सव के लिए, मैंने सभी से जश्न मनाने की अपील की, न केवल फिल्म निर्माताओं से बल्कि दर्शकों से भी। आइए दर्शकों का जश्न मनाएं। आइए अपनी कहानियां सुनाएं। हर जगह लड़ाई-झगड़े, मिसाइलें, इसे रोकने का एकमात्र तरीका यह है कि हम में से हर कोई एक साथ आए और अपनी कहानियां सुनाए और यही सबसे महत्वपूर्ण काम है।
ऑस्कर नामांकित पीरियड ड्रामा एलिजाबेथ, द फोर फेदर्स और एलिजाबेथ : द गोल्डन एज के साथ हालीवुड में सफलतापूर्वक कदम रखने वाले कपूर ने कहा कि फिल्म महोत्सव केवल पुरस्कार जीतने के बारे में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे अच्छा महोत्सव आयोजित करना काम होना चाहिए, पुरस्कार जीतना नहीं। साथ ही कहा कि महोत्सव का अर्थ एक साथ आना और अपनी कहानियां सुनाना है, ताकि हम एक-दूसरे को समझ सकें। इफ्फी के उद्घाटन समारोह का संचालन अभिनेत्री भूमि पेडणेकर और अभिनेता अभिषेक बनर्जी ने किया। समारोह के दौरान भारतीय सिनेमा की प्रख्यात हस्तियों राज कपूर, मोहम्मद रफी, तपन सिन्हा और अक्किनेनी नागेश्वर राव को श्रद्धांजलि दी गई। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, शेखर कपूर की मौजूदगी में मंच पर चारों महान हस्तियों के परिवारों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर अक्किनेनी नागेश्वर राव के बेटे और अभिनेता नागार्जुन अक्किनेनी ने कहा कि उनके लिए एक शब्द में यह बताना मुश्किल है कि उनके दिवंगत पिता ने उन्हें जीवन के क्या सबक सिखाए। उन्होंने कहा, जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, उन्होंने मुझे जीवन, सिनेमा और जीने का तरीका सिखाया। उनसे सिनेमा और अभिनय से जीवन के सबक सीखे हैं। 20 नवंबर से शुरू हुआ इफ्फी का 55वां संस्करण 28 नवंबर को समाप्त होगा।
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