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अगले साल जनवरी में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होना है। एक अनुमान के मुताबिक, देश-दुनिया से 40 करोड़ से अधिक लोग इस दौरान प्रयागराज पहुंचेंगे। अच्छी खबर यह है कि प्रयागराज में प्रवेश करते समय किसी यात्री को टोल नहीं देना होगा। सरकार ने प्रयागराज की सीमा में प्रवेश करते समय आने वाले सभी 7 टोल को महाकुंभ के दौरान फ्री करने का फैसला किया है।
किसी भी यात्री वाहन से टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा। हालांकि कमर्शियल वाहनों से टोल वसूला जाएगा, जिन पर माल लदा होगा। जैसे सरिया, सीमेंट, बालू और इलेक्ट्रॉनिक सामान लदे वाहनों से टोल टैक्स की वसूली जारी रहेगी। यदि किसी जीप, कार का कमर्शियल उपयोग हो रहा है, तो भी टोल वसूला जाएगा।कुंभ की तैयारी और विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करने के लिए प्रयागराज आए एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव से बीते दिनों मेला प्रशासन और जिला प्रशासन ने मुलाकात की थी। इसी दौरान यात्रियों के लिए टोल फ्री करने की मांग भी उठी थी।
महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक यात्रियों के आने का अनुमान लगाया गया है। इसी हिसाब से तैयारियों को भी अंजाम दिया जा रहा है। सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। जहां जरूरी है, वहां ट्रेनों के नए ठहराव स्थल बनाए जा रहे हैं।महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने 1200 अतिरिक्त गाड़ियां चलाने का फैसला किया है। सड़क मार्ग पर यात्रियों का आवागमन सुलभ करने के लिए 7000 बसों को उतारा जा रहा है।
सनातन धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है। इसकी कहानी समुद्र मंथन से जुड़ी है। अमृत कलश के लिए देवताओं और राक्षसों के बीच छीना-झपटी हुई थी और अमृत की कुछ बूंदें धरती की चार जगहों पर गिरी थी। ये स्थान थे- प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में गिरी। इन्हीं स्थानों पर महाकुंभ का आयोजन होता है। राक्षसों और देवताओं के बीच समुद्र मंथन 12 साल तक चला था। यही कारण है कि हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है।
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