महाकाल मंदिर समिति को हाईकोर्ट ले जाने की चेतावनी
Mahakal Temple Committee warned

महाकाल की लड्‌डू प्रसादी के पैकेट से मंदिर के शिखर का फोटो और ऊँ नहीं हट सका है। हाईकोर्ट (इंदौर बेंच) ने इसी साल 24 अप्रैल को अपने आदेश में महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को कहा था, '90 दिन (3 महीने) में फोटो और ऊँ हटा लें।'

मंदिर समिति ने कोर्ट से मोहलत मांगी थी और निवेदन करते हुए कहा था, 'पुराने पैकेट का स्टॉक खत्म हो जाने दीजिए, नए पैकेट से हटवा देंगे।' 4 महीने से ज्यादा हो चुके हैं, पैकेट सेम डिजाइन के ही हैं।

महंतों की ओर से याचिका लगाने वाले हाईकोर्ट के वकील अभीष्ट मिश्र ने इसे हाईकोर्ट की अवमानना बताया है। महाकाल मंदिर समिति को लेटर भेजकर 10 दिन में फोटो हटाने के लिए कहा है। ऐसा नहीं होने पर दोबारा कोर्ट जाने की चेतावनी दी।

अभीष्ट का कहना है, 'लेटर में समिति से पूछा है कि फोटो को क्यों नहीं हटाया गया, क्या स्वार्थ है कि आप इसे बदल नहीं पा रहे हैं, ऐसी कौन सी डिजाइन है, जो 4 महीने में भी तैयार नहीं हुई? 'उन्होंने कहा, 'समिति लगातार ऑर्डर पर शहर के क्षीर सागर स्थित पॉलिपैक फैक्ट्री से पैकेट्स बनवा रही है। कर्मचारियों का कहना है कि पैकेट रोज ऑर्डर देकर बनाए जाते हैं, ज्यादा स्टॉक नहीं रखा जा सकता, क्योंकि धूल और फंगस लग जाएगी।'

डस्टबिन, कचरे के ढेर में मिलते हैं पैकेट ...इससे सनातन का अपमान

हाईकोर्ट के वकील अभीष्ट मिश्र ने इसी साल 19 अप्रैल को हाईकोर्ट (इंदौर बेंच) में महंत सुखदेवानंद ब्रह्मचारी, गुरु श्रीमहंत योगानंद जी, ब्रह्मचारी श्री शंभु पंच अग्नि अखाड़ा, छत्रीबाग, इंदौर और पंडित शरद कुमार मिश्र, गुरु श्री स्वामी राधाकान्ताचार्य जी महाराज श्री दुर्गाशक्ति पीठ, महू जिला इंदौर की ओर से याचिका दायर की थी।

अभीष्ट के मुताबिक, 'प्रसादी के खाली पैकेट श्रद्धालु फेंक देते हैं। यही पैकेट डस्टबिन और कचरे के ढेर में मिलते हैं। इससे सनातन धर्म का अपमान होता है। इसे लेकर पहले हमने दो बार महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को आवेदन दिए। उन्होंने नहीं सुनी। इसके बाद अप्रैल को महंतों ने मंदिर में प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की। यहां से सिर्फ आश्वासन मिला। फिर हमने हाईकोर्ट में याचिका लगाई। कोर्ट ने इसे सही माना।'

श्री प्रसादम लिखना पर्याप्त, डिजाइन की जरूरत नहीं

मंदिर समिति को भेजे गए लेटर में कहा गया है कि प्रसादी के पैकेट में डिजाइन की कोई जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने यह निर्देश दिया है कि 'श्री प्रसादम' लिखना ही पर्याप्त है। ऐसे में डिजाइन तैयार करवाने के तथ्य जानबूझकर आस्था से खिलवाड़ है।

वैष्णो देवी और गोल्डन टेम्पल के पैकेट में सिर्फ नाम

हाईकोर्ट के वकील का कहना है कि अभी जिस पैकेट में महाकाल की प्रसादी दी जाती है, उसमें महाकाल मंदिर का शिखर, ॐ और शिखर के मध्य में नागचंद्रेश्वर मंदिर का फोटो है। अयोध्या में लाखों पैकेट भेजे गए थे। ये बाद में डस्टबिन में फेंक दिए गए। कोर्ट में हमने बताया कि वैष्णो देवी और गोल्डन टेम्पल के प्रसादी पैकेट में कोई चित्र नहीं रहता।

महाकाल की लड्डू प्रसादी की डिमांड देशभर में

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति लड्‌डू प्रसादी का निर्माण शुद्ध घी और बेसन से करवाती है। इसकी डिमांड देशभर में तो है ही, विदेशों से आए भक्त भी साथ ले जाते हैं। प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्‌डू मंदिर समिति बनाती है। प्रसादी 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और 1 किलो के पैकेट में उपलब्ध रहते हैं। भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद 400 रुपए प्रति किलो में मिलता है। महाकाल मंदिर समिति हर महीने 12 हजार लड्डू प्रसादी के पैकेट प्रिंट करवाती है।

 

Dakhal News 16 September 2024

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