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रविवार को सिहोरा में 54 वर्षीय महिला की हत्या का जबलपुर पुलिस ने खुलासा कर दिया है। आरोपी महिला से रुपए मांगने गया था। महिला के मना करते ही आरोपी ने उसकी हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या के आरोप में 28 साल के युवक को गिरफ्तार किया है।
पुलिस ने बताया कि महिला चंदा श्रीवास्तव अपने घर में अकेले रहती थीं। वे ब्याज पर रुपए देने का काम करती थीं। आरोपी विकास भी उसके लिए ही काम करता था। रविवार दोपहर आरोपी विकास त्रिपाठी एक लाख रुपए मांगने उनके घर पहुंचा था। चंदा ने विकास से कहा था कि उसने जिस व्यक्ति को आठ लाख रुपए दिए हैं, वो उससे ये रकम वसूल कर ले आए। आठ लाख में से 1 लाख रुपया वो उसे दे देगी।
चंदा की ये बात सुन विकास ने कहा कि वो आठ लाख रुपए बाद में वसूल कर ला देगा। लेकिन, उसे एक लाख रुपए अभी चाहिए। विकास की ये बात सुन चंदा ने गुस्से में रुपए देने से मना कर दिया।
हथौड़ी से कुचल दिया सिर
विकास ने एक सप्ताह पहले भी चंदा से 50 हजार रुपए मांगे थे। तब चंदा ने उसे 8 हजार रुपए दिए थे। विकास अच्छी तरह से जानता था कि चंदा 1 लाख रुपए नहीं देगी। प्लान के तहत पहले वो चंदा के घर गया। काफी देर तक बैठा रहा। इसके बाद उसने चंदा से कहा कि वो अपना मोबाइल लेने घर जा रहा है। लौट कर आने के बाद उसने फिर से रुपए मांगे। चंदा कुछ बोल पाती इससे पहले विकास ने पीने के लिए पानी मांगा। चंदा किचन में पानी लेने गई तभी पीछे से उसने दो वार सिर पर किए। हथौड़ी लगते चंदा जमीन पर गिर गई, इसके बाद आरोपी ने ताबड़तोड़ 15 वार हथौड़ी से महिला के सिर पर किए।
महिला का सिर कुचलने के बादआरोपी ने महिला के गले से सोने की चेन और कान के टॉप्स उतार अपने घर चला गया।
महिला से कहता था मौसी
आरोपी विकास ने पुलिस को बताया कि वे महिला के पड़ोस में ही रहता है और उससे मौसी कहता था। चंदा ब्याज पर रुपए देती थीं। सय से रुपए वापस नहीं करने वाले लोगों से वो बसूली करता था । उस पर काफी कर्ज है। कर्ज चुकाने के लिए ही उसने चंदा से एक लाख रुपए मांगे थे। चंदा की हत्या करने के बाद आरोपी घर का दरवाजा बाहर से बंद करके चला गया था।
हत्या के बाद आरोपी पुलिस के साथ घूमता रहा। वो भी सिर्फ इसलिए की अगर ो भाग जाएगा तो शक उस पर ही होगा। घटनास्थल पर भी वह पूरे समय मौजूद रहा। शव को पीएम तक ले जाने में भी मदद की।
कॉल डिटेल से आरोपी तक पहुंची पुलिस
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि सभी से पूछताछ की गई थी। कहीं से भी सुराग नहीं मिल रहा था इसके बाद जब चंदा श्रीवास्तव के मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली तो घटना के समय आखरी बार विकास त्रिपाठी से ही चंदा श्रीवास्तव की करीब डेढ़ मिनट तक बात हुई थी। विकास की मोबाइल लोकेशन भी घटनास्थल पर थी। पुलिस को यह समझते देर नहीं लगी कि अब विकास त्रिपाठी ही इस हत्याकांड का आरोपी है। इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया।
लूट के गहने पानी की टंकी में डाले
विकास ने चंदा श्रीवास्तव की हत्या करने के बाद लूट के गहने एक कपड़े से बांधकर अपने घर के बाजू में छत पर रखी पानी की टंकी में डाल दिए थे। वो जानता था कि अगर पुलिस उसके घर की तलाशी भी ले सकती है। उसने खून से सनी हथौड़ी और शर्ट को एक खाली प्लाट पर छिपा दिया था।
ऐसे उजागर हुआ था मामला
चंदा श्रीवास्तव के बड़े भाई राजेंद्र उर्फ गुड्डू श्रीवास्तव भी पड़ोस में ही रहते हैं। रविवार दोपहर को वे बहन से मिलने उसके घर पहुंचे। उन्होंने बताया कि दरवाजा बंद था। उन्होंने अपनी बड़ी मां की बेटी मोना श्रीवास्तव को बुलाया। इसके बाद दोनों दरवाजा खोल घर के अंदर गए। घर के अंदर खून से लथपथ चंदा श्रीवास्तव की लाश पड़ी थी। खून देखकर मोना की चीख निकल गई। आवाज सुन चाचा के लड़के अनुज तथा पडोसी मुबारक, आयुष यादव आए। चंदा को अस्पताल पहुंचाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दो लोग करते थे पैसा कलेक्शन का काम
शार्ट पीएम रिपोर्ट में चंदा की मृत्यु का कारण सिर में ठोस वस्तु से मारना निकाला। सिहोरा थाना प्रभारी विपिन सिंह ने जब अपनी टीम के साथ जांच करना शुरू किया तो पाया कि चंद श्रीवास्तव के घर के बगल में रहने वाला विकास और मोना त्रिपाठी उसके ब्याज का पैसा कलेक्शन का काम करता है। सबसे ज्यादा चंदा के घर आना जाना विकास का ही होता था। संदेह के आधार पर विकास उर्फ मोना त्रिपाठी उम्र 32 वर्ष निवासी बल्ले मोर अखाड़ा के पीछे सिहोरा को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पहले उसने इस घटना से अपने आप को दूर बताया पर बाद में जब पुलिस ने सख्ती दिखाई तो वह टूट गया।
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