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बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर महेश भट्ट पहुचे अरबाज़ खान के चाट शो 'द इनविन्सिबल्स विद अरबाज खान' । इस दौरान उन्होंने अपनी जिंदगी से जुड़े कई ट्रैजिक किस्से शेयर किए। इंटरव्यू के दौरान महेश भट्ट ने बताया कि उनका बचपन बेहद मुश्किलों भरा रहा। पिता नानाभाई भट्ट पहले से ही शादीशुदा थे इस वजह से उन्होंने जीते-जी महेश की मां को कभी भी पत्नी का दर्जा नहीं दिया। यही वजह थी कि बचपन में लोग महेश को नाजायज औलाद कहकर चिढ़ाया करते थे। महेश भट्ट ने बताया की उनकी माँ मुस्लमान थी और वो हिन्दू इलाके में रहती थी जिसके चलते उन्होने हमेशा धर्म छुपाये रखा। बातचीत के महेश ने कहा- मेरी मां केवल इतना चाहती थीं कि उन्हें मेरे पिता नानाभाई भट्ट स्वीकार कर लें, लेकिन क्योंकि वो पहले से ही शादीशुदा थे और उनका अपना परिवार था, इसलिए उन्होंने कभी भी मां को उनका हक नहीं दिया था।
निधन के बाद पिता ने मां की मांग में भरा था सिंदूर- महेश महेश भट्ट ने उस मुश्किल के दौर को याद करते हुए लिखा- ‘जब 1998 में मेरी मां का देहांत हुआ, तो उनकी आखिरी इच्छा थी कि उन्हें उनके धर्म के अनुसार दफन किया जाए। मेरे पिता अपनी पहली पत्नी के साथ अंतिम संस्कार के लिए आए थे, तो उन्होंने पहली बार उनकी मांग में सिंदूर लगाया था।
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