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भीड़ के साथ गाया गाना और छोड़ दी नेतागीरी
अमिताभ बच्चन 80 बरस के हो चुके हैं, लेकिन आज भी लगातार एक्सपेरिमेंट करते रहते हैं और सीखते रहते हैं. इसी वजह से दुनिया उन्हें शहंशाह कहती है. इन दिनों फेमस क्विज शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में छोटे बच्चों के साथ सवाल-जवाब करते हुए एक बार फिर बच्चे बनते नजर आ रहे हैं. फिल्मी दुनिया में सफलता के बाद अमिताभ ने राजनीति की दुनिया में कदम रख दिया था, लेकिन जल्द ही मोह भंग हो गया और दोबारा फिल्मों में हाथ आजमाया. जिस फिल्म से कमबैक किया वह थी ‘मैं आजाद हूं’ , जो 15 दिसंबर 1989 में रिलीज हुई थी. टीनू आनंद के निर्देशन में बनी इस फिल्म में अमिताभ के साथ शबाना आजमी, अनुपम खेर , अन्नू कपूर जैसे मंझे हुए कलाकार थे. ‘मैं आजाद हूं’ के 33 बरस पूरे होने पर फिल्म से जुड़े कुछ किस्से बताते हैं।
‘मैं आजाद हूं’ अमेरिकी फिल्म ‘मीट जॉन डो’ से प्रेरित फिल्म थी. इसे जावेद अख्तर ने लिखा था. इस फिल्म को लेकर टीनू आनंद ने बहुत माथा पच्ची की थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसका टाइटल कई बार बदला गया था. पहले ‘सच’ रखा गया, फिर ‘महात्मा’ फिर ‘सत्यम’ और फाइनल हुआ ‘मैं आजाद हूं’. टाइटल की तर्ज पर ही फिल्म का क्लाइमैक्स भी बदला गया था. अमिताभ बच्चन अपने दोस्त मनमोहन देसाई पर बहुत भरोसा करते थे, उन्हें प्रीव्यू शो में बुलाया. मनमोहन देसाई ने फिल्म देखने के बाद टीनू आनंद को सलाह दी कि क्लाइमैक्स बदल दिया जाए. सुझाव मानते हुए क्लाइमैक्स बदला भी गया…, लेकिन यहीं गड़बड़ हो गई. इसके बारे में आगे बताएंगे, लेकिन पहले अमिताभ के एक और जुगाड़ के बारे में बताते हैं।
बताते हैं कि ‘मैं आजाद हूं’ की गुजरात के राजकोट में शूटिंग चल रही थी. एक सीन के लिए करीब 50 हजार लोगों की जरूरत थी. इतनी भारी भरकम भीड़ जुटाना आसान नहीं था. अमिताभ बच्चन को एक आइडिया आया. उन्होंने फिल्म प्रोड्यूसर को अपना एक प्रोग्राम रखने का सुझाव दिया. अमिताभ ने कहा कि इससे मुझे देखने का लोगों को मौका मिल जाएगा. इसके लिए न्यूजपेपर में विज्ञापन देकर जगह का पता देते हैं. मुझे देखने लोग जरूर आएंगे।
खैर अमिताभ बच्चन की बात मानते हुए फिल्ममेकर ने न्यूजपेपर में एक विज्ञापन छपवाया गया और राजकोट क्रिकेट स्टेडियम का पता दिया गया. मान लिया गया कि अमिताभ के स्टारडम को देखते हुए करीब 20-25 हजार लोग तो आ ही जाएंगे लेकिन तय समय और पते पर 50 हजार से अधिक लोग पहुंच गए. जनता की भारी भीड़ के बीच अमिताभ बच्चन पहुंचे. भीड़ को देखते हुए अमिताभ बच्चन ने माइक थाम फिल्म का गाना ‘इतने बाजू इतने सर’ गाने लगे. साथ ही भीड़ को भी अपने साथ गाने के लिए कहा तो लोग भी बिग बी के साथ सुर में सुर मिलाने लगे और टीनू आनंद शूट करने लगे. ऐसे अमिताभ के आइडिया से फिल्म का क्लाइमैक्स सीन शूट कर लिया गया।
‘इतने बाजू इतने सर’ इस गाने की शूटिंग गोवा में हुई थी अमिताभ ने फिल्म के डीओपी के बारे में बताया था, जिनका साथ बरसों बाद भी बना हुआ है चलिए अब बताते हैं कि क्लाइमैक्स बदलने का क्या नुकसान झेलना पड़ा था. मनमोहन देसाई की सलाह मान क्लाइमैक्स में आजाद को मार दिया गया और ये दर्शकों को रास नहीं आया, फिल्म फ्लॉप हो गई. राजनीति से फिल्मों में लौटे अमिताभ को इस फिल्म से बहुत उम्मीदें थीं।
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