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बॉलीवुड में हर साल अलग-अलग जॉनर की कई फिल्में रिलीज होती हैं। कॉमेडी एक ऐसा जॉनर है, जिसे देखना हर कोई पसंद करता है। लेकिन पर्दे पर किसी को हंसा पाना इतना आसान नहीं होता, वहीं कुछ सितारे ऐसे होते हैं, जो जब भी स्क्रीन पर आते हैं अपनी कॉमिक टाइमिंग से धमाल मचा देते हैं। यदि आप पीछे मुड़कर देखें, तो आपको ऐसी कई अभिनेत्रियां मिलेंगी जो अपनी कॉमिक टाइमिंग के लिए जानी जाती हैं। जैसे ब्लैक एंड व्हाइट युग से टुनटुन और मनोरमा, 70 के दशक की चुलबुली-मजेदार प्रीति गांगुली और अस्सी के दशक की सदाबहार गुड्डी मारुति। आज हम आपको ऐसी ही कुछ अभिनेत्रियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जो जब भी पर्दे पर नजर आईं अपने कॉमेडी से भरपूर किरदारों को अमर कर दिया।
उमा देवी खत्री उर्फ टुनटुन ने शुरुआत में एक पार्श्व गायिका के रूप में बॉलीवुड में कदम रखा था। गायन की अपनी थोड़ी पुरानी शैली और बड़ी गायन रेंज वाले गायकों के प्रवेश के कारण वह ज्यादा सफल नहीं हो पाईं, तो उन्होंने अभिनय में भी हाथ आजमाने का फैसला किया। वह मिस्टर एंड मिसेज 55 (1955) और प्यासा (1957) जैसी फिल्मों में नजर आईं और उन्हें बड़ी सफलता कॉमेडी में मिली। टुनटुन की कॉमिक टाइमिंग को लोगों ने भी काफी पसंद किया।
मनोरमा ने अपने करियर में लगभग 1500 फिल्मों में काम किया है। वह एक फूल दो माली (1969) और सीता और गीता (1972.) में अपनी भूमिकाओं के लिए जानी जाती हैं। वहीं, 2015 में एक इंटरव्यू के दौरान अभिनेत्री ने बताया था कि अपने एक्टिंग करियर को बनाए रखने के लिए ही उन्होंने कॉमेडी रोल करने शुरू किए थे। उन्होंने कहा था, "अगर मैंने केवल एक लीड के रूप में एक्टिंग करना चुना होता, तो मैं इस इंडस्ट्री से बहुत पहले गायब हो जाती।"
गुड्डी मारुति अपने कॉमेडी से लोगों को आसानी से हंसा देती थीं। वह 'शोला और शबनम', 'खिलाड़ी', 'चमत्कार', 'आशिक आवारा', 'बीवी नंबर 1' और 'बलवान' सहित कई फिल्मों में नजर आई हैं। गुड्डी अपने बढ़ें हुए वजन की वजह से टुनटुन नाम से भी जानी गईं। उन्होंने टीवी शो से लेकर फिल्मों तक में अपने कॉमेडी किरदारों से दर्शकों का खूब मनोरंजन किया है।
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