Dakhal News
भारतीय जनता पार्टी के मंडल चुनाव में उम्र के दायरे ने अच्छे-अच्छे नेताओं की सियासत फीकी कर दी। प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह के गृह जिले जबलपुर में एक ग्रामीण मंडल के अध्यक्ष की उम्र 40 साल एक महीने होने से निर्वाचन अधिकारी द्वारा उसका नाम घोषित करने से इंकार कर दिया गया। ऐसा ही मामला पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान और पूर्व मंत्री जयंत मलैया सहित कई दिग्गज नेताओं के इलाकों में हुआ। जहां उम्रसीमा के पालन के लिए दिग्गज नेताओं को नए नाम पर सहमत होना पड़ा।
उम्र के ऐसे ही 72 विवादास्पद मामलों को भी पार्टी ने रोक लिया है। इन लोगों के खिलाफ स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उम्र के दस्तावेज प्रदेश निर्वाचन पदाधिकारियों ने भेजे थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अब तक 47 जिलों के मंडलों पर चर्चा कर लगभग 750 मंडल अध्यक्षों के नाम प्रदेश स्तर से घोषित हो चुके हैं। बचे नौ संगठनात्मक जिलों का मामला अभी चर्चा में है। झाबुआ जिले के मंडल अध्यक्षों का चुनाव अभी नहीं हुआ है। उपचुनाव के कारण वहां अभी सिर्फ बूथ के चुनाव हो पाए हैं।
पार्टी नेताओं के मुताबिक हर मंडल में पर्यवेक्षकों और निर्वाचन अधिकारियों ने स्थानीय नेताओं के साथ पहले रायशुमारी की, फिर जिले के नेताओं के साथ चर्चा की पर सबसे महत्वपूर्ण दो कारणों ने मंडल के चुनाव में परेशानी खड़ी कर दी। पहला उम्र का बंधन था, दरअसल पार्टी ने मंडल अध्यक्ष के लिए 35 साल से 40 साल के बीच उम्रसीमा निर्धारित की हुई है और दूसरा कारण जातीय संतुलन बैठाना, इसमें पार्टी को काफी समय देना पड़ा। इस वजह से अब तक 750 के लगभग मंडल चुनाव के परिणाम घोषित हो पाए हैं। बाकी जिलों को लेकर प्रदेश कार्यालय में संगठन के साथ बैठकें चल रही हैं।
जिलाध्यक्ष का चुनाव 30 नवंबर और एक दिसंबर को संभावित
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंडल चुनाव के बाद 30 नवंबर और 1 दिसंबर को जिलाध्यक्षों के चुनाव कराए जा सकते हैं। पार्टी ने जिलाध्यक्ष के लिए भी उम्रसीमा तय की हुई है। इसके तहत 50 साल तक की उम्र वाले नेताओं को ही जिले की कमान सौंपी जाएगी। अपवाद स्वरूप मामलों में 55 साल तक के नेताओं को भी जिलाध्यक्ष बनाया जा सकता है।
Dakhal News
|
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By:
Medha Innovation & Development |