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ना मैं सपना हूँ ना कोई राज़ हूँ एक दर्द भरी आवाज़ हूँ......!
सुरों का ऐसा मार्दव सरस्वती की अनुकम्पा से ही प्राप्त होता है। फिर साधना और तपस्या उसे अलंकृत करती है। आज भगवान की उस कारगरी का जन्मदिन है जो अपनी साधना को निरंतर निखारते हुए संगीत के रसज्ञों को आज भी सरस करती है।
लता जी का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में हुआ है। मात्र तेरह साल की अवस्था से ही लता जी का संगीत कैरियर शुरू हो गया था। लता जी ने अपने समय से लगाय तीन पीढ़ी तक के गायकों के साथ गीत रिकॉर्ड करवाई हैं। जिनमें मन्ना, हेमंत, मुकेश, किशोर, रफ़ी, , तलत, महेंद्र, भूपिंदर, भुपेंन और जगजीत, मेहदी हसन, यसुदास, हरिहरण, सुरेश वाडेकर, उदित नारायण, कुमार सानू और सोनू निगम प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने अनिल विश्वास, शंकर जयकिशन, हेमंत कुमार, नौशाद, सचिन दा, पंचम दा, ओपी नय्यर,मदन मोहन, सलिल चौधरी, कल्याण जी आनंद जी, ख़य्याम, लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, राजेश रौशन, बप्पी लहरी और रविन्द्र जैन जैसे संगीतकारों के साथ काम किया।
लता जी ने 6 दशक तक अपने सुरीली आवाज़ से श्रोताओं के भावों को रंग दिया हैं। उनकी आवाज़ ने प्रेम में उमंग, ख़ुशी में अल्हड़ता और दुःख में निराशा को संबल दिया है। 60 का दशक लता जी के कैरियर का सबसे स्वर्णिम समय रहा। इस दौरान मदन मोहन के संगीत पर उन्होंने सैकड़ों यादगार गीत दिए। लता जी से सम्बंधित कुछ बातें जो हमेशा चर्चा में रहता है उनमें 'उनका शादी न करना, आज भी वह स्टेज पर या रिकॉर्डिंग रूम में चप्पल पहनकर गीत नहीं गाना। आज भी आइसक्रीम और ठंडे पानी नहीं पीना, लाल मिर्च बहुत खाना और इस उम्र में भी गीत गाना।'
लता जी को पार्श्वगायन का पहला अवसर मराठी फिल्म 'किती हसाल' से मिला। महल फिल्म के गीत 'आयेगा आने वाला' से बतौर स्थापित पार्श्वगायिक माना जाने लगा। लता जी ने अब-तक 30000 हज़ार से ज्यादा गीत रिकॉर्ड करवा चुकी हैं। उन्हें 4 बार सर्वश्रेष्ठ गायिका का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला है। यह पुरस्कार उन्हें 'आजा रे परदेसी (मधुमती 1958), कहीं दीप जले कहीं दिल (बीस साल बाद 1962), तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्ही मेरे पूजा (खानदान 1965) और आप मुझे अच्छे लगने लगे (जीने की राह 1969)' के लिए मिला। इसके अलावा उन्हें सन् 1972, 1975 और 1990 में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया।
लता जी को सन् 2001 में भारतरत्न से भी समानित किया गया है।
सुर-साम्राज्ञी लता जी को उनके गाये एक पसंदीदा गीत की दो पंक्तियों
'तेरा मेरा प्यार अमर फिर क्यो मुझको लगता है डर
मेरे जीवन-साथी बता क्यो दिल धड़के रह रह कर'
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