अमिताभ मुसीबतों का महानायक
amitabh
 
 
'सदी का महानायक'अमिताभ बच्चन को यह खिताब यूं ही नहीं मिला है। अमिताभ बच्चन फिल्मी दुनिया का एकमात्र ऐसा सितारा है,जो 6-7 दशक से भी ज्यादा समय से फिल्मी दुनिया में शीर्ष पर है, वहीं उन्होंने राजनीति, कारपोरेट अनेक क्षेत्रों में अपने नाम का सिक्का चलाया है। यही वजह है कि हरेक भारतीय के दिल में अमिताभ के लिए उंचा स्थान है पर आयकर और वैसे ही पनामा पेपर्स कांड में उनका नाम आने से लोगों को धक्का लगा है। फिर भी, अमिताभ बच्चन एक ऐसा नाम है, जो देश के सर्वोच्च पद यानि राष्ट्रपति के लिए भी चर्चा में है। बेहद लोकप्रिय हो चुके अमिताभ का नाम किसी घपले, घोटाले में आने से उनके प्रशंसकों का आहत होना स्वाभाविक है। हमारे देश में आर्थिक घोटाले या उसमें लिप्त व्यक्ति पर उड़े छींटे उसे अधिक बदनाम करते हैं। 
अमिताभ बच्चन के ग्रह ऐसे हैं जो फिनीक्स पक्षी की तरह कुंडली में बैठे हैं। बताते हैं, अमिताभ का मौजूदा समय ठीक नहीं है। एक तरफ तो आयकर की उनकी पुरानी फाइलें खुल रही हैं, उनका नाम पनामा पेपर्स कांड में आ रहा है तो दूसरी तरफ उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए भी चल रहा है। अमिताभ की एक खूबी यह भी है कि वे हरेक मुद्दे, बात का जवाब अपने ब्लॉग में देते हैं। आज भी उनके प्रशंसकों का एक ऐसा वर्ग है जो उनका ब्लॉग पढ़कर सो जाता है। ये सारी स्थितियां उनके फेवर में न होने से फिलहाल उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए अटक गया है। 
अमिताभ को बालीवुड में 'यूज एंड थ्रो' वाला कहा जाता है। फिल्मी दुनिया में कई लोग उन्हें स्वार्थी कहते हैं। धर्मेंद्र या मिथुन चक्रवर्ती जैसे संबंध रखते हैं वैसे संबंध अमिताभ नहीं रखते। लोग कहते हैं कि उनकी मदद करने वालों को ही अमिताभ दूध की मक्खी समझकर बार कर देते हैं। उसके लिए अमरसिंह का उदाहरण भी दिया जाता है। दुनिया जानती है कि एबीसीएल के बाद अमिताभ गहरे कर्ज में डूब गए थे और उनका परिवार गर्दिश में आ गया था, तब अमरसिंह की मदद से उनका आर्थिक संकट दूर हुआ था। 'कौन बनेगा करोड़पति' ने अमिताभ को एक बार सुर्खियों में ला खड़ा किया। 
बच्चन परिवार में एकमात्र अमिताभ बच्चन ही है जो लोकप्रिय है। उनकी पत्नी जया बच्चन तो राज्यसभा में केवल मुंह दिखाई के लिए जाती हैं। यही स्थिति उनके पुत्र अभिषेक की बालीवुड में है। पुत्र वधू ऐश्वर्या राय के दिन भी अब लद गए। बालीवुड में वो अभी भी अपने पैर जमाए रखना चाहती हैं पर हकीकत यह है कि ऐश्वर्या राय हीरोईन वाला चेहरा गंवा चुकी है। उसकी एकाध फिल्म भी आ जाए, इस बात की संभावना कम है। अभिषेक ने फिलम-विलम छोड़ अपनी बेटी की परवरिश की जिम्मेदारी सम्हाल ली है, ऐसा लगता है। अभिषेक के पास भी नई फिल्में नहीं हैं। तकदीर पलटा मारे और उसे नई फिल्में मिले तो ही कुछ बात बने। 
जहां तक अमिताभ बच्चन की राजनीति का सवाल है तो किसी जमाने में उन्होंने इलाहाबाद से राजनीति शुरू की थी। तब उत्तरप्रदेश के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा को पराजित कर लोकसभा में पहुंचे थे, लेकिन जब डोनेशन देने की बात आई थी, तब अमिताभ ने निर्वाचन क्षेत्र इलाहाबाद के बजाय मुंबई में बन रहे हास्पिटल को दान दिया था। अमिताभ के साथ जुड़ा एक और किस्सा है, वह यह कि दूरदर्शन की किसान चेनल के लिए 'पब्लिक फेस' के रूप में अमिताभ को चुना गया था। उसके लिए 5 करोड़ रूपए दिए गए थे। एक अखबार ने खबर छाप दी कि दूरदर्शन की किसान चेनल के लिए 40 करोड़ रूपए दिए गए हैं, उनमें से 5 करोड़ रूपए अमिताभ को दिए गए हैं। बात किसानों की थी, लिहाजा अमिताभ भड़क गए और उन्होंने अपने आफिस स्टाफ को हड़का दिया कि कोई भी फीस लेने के पहले मेरे से पूछा तो करो। अमिताभ ने आखिरकार, ये 5 करोड़ रूपए दूरदर्शन को लौटा दिए। बहरहाल, पनामा पेपर्स में नाम आने से उनकी दशकों से चली आ रही इमेज को गहरा धक्का लगा है और वक्त ही बताएगा कि उनका नाम राष्ट्रपति पद के लिए आगे चलता है या पनामा पेपर्स में कहीं खो जाएगा।
 
 
Attachments area
 
 
 
 
 
Dakhal News 20 May 2016

Comments

Be First To Comment....
Advertisement
Advertisement

x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2024 Dakhal News.