Patrakar Priyanshi Chaturvedi
संसद के शीतकालीन सत्र में मनरेगा का नाम बदलने से जुड़े विधेयक पर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया। लोकसभा में बोलते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मनरेगा का नाम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया था और इसे बदलना गलत व अनैतिक है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महात्मा गांधी का सपना रामराज्य जैसा समाज बनाने का था, ऐसे में उनके नाम को हटाना और नई योजना में राम का नाम जोड़ना दोनों ही अनुचित हैं। थरूर ने स्पष्ट शब्दों में कहा—“राम का नाम बदनाम मत करो।”
शशि थरूर ने प्रस्तावित ‘विकसित भारत–जी राम जी’ विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह देश के गरीब, कमजोर और वंचित वर्गों के हितों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह बिल न केवल अब तक की सामाजिक प्रगति को पीछे ले जाएगा, बल्कि उन लोगों को नुकसान पहुंचाएगा जिन्हें सबसे ज्यादा संरक्षण और रोजगार की जरूरत है। थरूर के मुताबिक, मनरेगा जैसी योजना का नाम बदलना सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि उसकी मूल भावना पर भी प्रहार है।
थरूर ने विधेयक में प्रस्तावित वित्तीय ढांचे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि योजना के खर्च का 40 प्रतिशत बोझ राज्यों पर डालना वित्तीय रूप से गैर-जिम्मेदाराना है। इससे गरीब राज्यों के लिए इस योजना को लागू करना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे मजदूरी भुगतान में देरी होगी, काम के दिन घटेंगे और अंततः पूरी योजना के खत्म होने का खतरा पैदा हो जाएगा। थरूर ने इसे फिस्कल फेडरलिज्म का उल्लंघन बताते हुए कहा कि सरकार के पास ऐसा बदलाव करने का नैतिक और कानूनी अधिकार नहीं है।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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