अमित शाह का बस्तर से बड़ा संदेश: विकास के रास्ते पर आगे, नक्सलवाद आख़िरी दौर में
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आयोजित संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में शामिल होकर एक बार फिर बस्तर के विकास और नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि वर्षों तक नक्सलवादियों ने बस्तर के विकास को रोककर रखा। सड़क, बिजली, पानी और दूसरी बुनियादी सुविधाओं के काम में लगातार बाधाएं डाली गईं, जिससे यह खूबसूरत और समृद्ध क्षेत्र पीछे रह गया। लेकिन अब हालात बदल चुके हैं और सरकार पूरी ताकत के साथ बस्तर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ रही है।गृह मंत्री अमित शाह ने साफ शब्दों में कहा कि अगले साल मार्च तक देश को पूरी तरह नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले पांच वर्षों में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाया जाएगा। बस्तर के हर घर तक बिजली पहुंचेगी, हर घर में पानी की सुविधा होगी और लोगों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विकास के साथ-साथ बस्तर की समृद्ध और सुंदर आदिवासी संस्कृति को पूरी तरह संरक्षित किया जाएगा, ताकि यह क्षेत्र अपनी पहचान को और मजबूत कर सके।

 

नक्सलवाद अंतिम दौर में

 

जिस लाल गलियारे को कभी देश की सबसे बड़ी आंतरिक सुरक्षा चुनौती माना जाता था, वह अब लगातार सिमटता जा रहा है। माडवी हिडमा जैसे खूंखार माओवादी कमांडरों का खात्मा, करोड़ों के इनामी नक्सलियों का एक-एक कर आत्मसमर्पण और तय समय से पहले नक्सल मुक्त राज्यों की घोषणाएं साफ संकेत देती हैं कि नक्सलवाद अपने आखिरी दौर में पहुंच चुका है। सुरक्षाबलों की रणनीति बदली है, कार्रवाई तेज हुई है और अब जंगलों में बचे नक्सली कैडर के सामने सिर्फ दो ही रास्ते बचे हैं या तो हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटें, या फिर सुरक्षाबलों की सख्त कार्रवाई का सामना करें।अमित शाह ने यह भी याद दिलाया कि साल 2024 में उन्होंने घोषणा की थी कि 31 मार्च 2026 तक देश से लाल आतंक का पूरी तरह खात्मा कर दिया जाएगा। उस समय कई लोगों ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक बयान माना था, लेकिन ज़मीन पर हुई कार्रवाई ने साबित कर दिया कि यह सिर्फ तारीख नहीं थी, बल्कि एक ठोस लक्ष्य था। डेडलाइन से करीब चार महीने पहले ही रेड कॉरिडोर के दो राज्यों ने खुद को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है। जिन इलाकों में कभी पुलिस कैंप बनाना भी जान जोखिम में डालने जैसा था, आज वहीं विकास की गाड़ियां बिना डर के दौड़ रही हैं।

Vandana Singh 13 December 2025

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