अवध ओझा ने बताई राजनीति छोड़ने की असली वजह
Dehli , Avadh Ojha,  reveals ,reason ,  leaving politics, AAP

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और जाने-माने कोचिंग टीचर अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास लेने के आठ दिन बाद अपनी चुप्पी तोड़ दी। उन्होंने खुलकर स्वीकार किया कि उनकी थ्योरी भले ही मजबूत थी, लेकिन राजनीति के वास्तविक (प्रैक्टिकल) मैदान को समझने में वे कमजोर पड़ गए। ओझा ने कहा कि राजनीति में थ्योरी और प्रैक्टिकल बिल्कुल अलग दुनिया हैं, और फिलहाल उन्हें अपना "होमवर्क" पूरा करने की जरूरत है। इसी कारण उन्होंने राजनीतिक जीवन से विराम लेने का फैसला किया।

अवध ओझा दिसंबर 2024 में आप में शामिल हुए थे और 2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में पटपड़गंज से मैदान में उतरे, लेकिन चुनाव हार गए। चुनाव के बाद वे लगातार राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहे और 30 नवंबर को राजनीतिक संन्यास की घोषणा कर दी। ओझा का कहना है कि दिल्ली में हारने के बाद भी उम्मीद थी, मगर बिहार चुनाव में केसी सिन्हा की हार ने उन्हें झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि जब 70 किताबों के लेखक केसी सिन्हा को जनता ने स्वीकार नहीं किया तो यह उनके लिए बड़ा संकेत था कि राजनीति का माहौल पहले जैसा नहीं रहा।

 

ओझा ने कहा कि 1951 के भारत में कर्पूरी ठाकुर जैसे शिक्षक नेता समाज नहीं, योग्यता के आधार पर जीते थे, लेकिन 2025 की राजनीति में पढ़े-लिखे लोग भी जगह नहीं बना पा रहे। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अमिताभ बच्चन और कुमार विश्वास जैसे बड़े नाम भी राजनीति से पीछे हट गए, क्योंकि शायद तैयारी अधूरी थी। ओझा ने साफ कहा कि वे भविष्य में फिर सोच सकते हैं, मगर अभी किसी भी कीमत पर सीधे राजनीति में वापसी नहीं करेंगे।

Priyanshi Chaturvedi 9 December 2025

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.