Patrakar Priyanshi Chaturvedi
मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री और जबलपुर से बीजेपी विधायक अजय विश्नोई के बयान ने सियासी हलचल तेज कर दी है। विश्नोई ने दावा किया है कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के दौरान जबलपुर में अब तक 1200 संदिग्ध व्यक्ति मिले हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से इन व्यक्तियों की गहन जांच कराने और यदि वे विदेशी नागरिक पाए जाते हैं तो उन्हें वापस भेजने की कार्रवाई की मांग की है।
विश्नोई ने यह भी दावा किया कि पूरे प्रदेश में ऐसे संदिग्ध व्यक्तियों की संख्या अनुमानतः एक लाख से भी अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में संदिग्ध लोगों के डिटेंशन न हो पाने का कारण 12 साल पहले तत्कालीन डीजीपी द्वारा IPC की धारा 109—जो अब BNSS की धारा 128 है—के उपयोग पर लगाया गया प्रतिबंध है। इससे पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ नहीं कर पा रही है।
बीजेपी विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर डिटेंशन का अधिकार फिर से लागू करने का आग्रह किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी पोस्ट करते हुए कहा कि SIR के दौरान मिल रहे संदिग्धों की पहचान और जांच अनिवार्य है, लेकिन कानूनी प्रतिबंधों के कारण पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही। विश्नोई ने उम्मीद जताई है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार जल्द निर्णय लेगी।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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