मध्य प्रदेश में उत्साहपूर्वक मनेगा भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिवस
bhopal, Lord Birsa Munda

भाेपाल । बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल एवं मध्यप्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्रकार-वार्ता में भगवान बिरसा मुंडा के 150वें जन्मदिवस पर होने वाले आयोजनों की जानकारी दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है। मध्यप्रदेश में भी इस अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और मध्यप्रदेश सरकार, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता तथा समाज जन उत्साहपूर्वक इस समारोह को मनाएंगे।

 


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष खण्डेलवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश में भगवान बिरसा मुंडा के 150 वें जन्मदिवस के अवसर पर अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। 11 नवंबर से प्रदेश के 24 जिलों की 47 जनजातीय बहुल विधानसभाओं से जनजातीय गौरव यात्राएं निकलेंगी। ये यात्राएं हरदा, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, रतलाम, सीधी, सिंगरौली, शहडोल, बैतूल, कटनी, बुरहानपुर, खंडवा, जबलपुर, उमरिया और देवास जिलों में लगातार 4 दिनों तक चलेंगी। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के तहत जनजातीय स्वाभिमान सम्मेलन, विशिष्ठ जनजातीय व्यक्तियों का सम्मान, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम, जनजातीय स्मारकों, देवस्थानों की साफ सफाई, संरक्षण एवं दीपोत्सव किया जाएगा। यात्राओं के दौरान चौपालों का आयोजन होगा और यात्राओं का रात्रि विश्राम गांवों में होगा। यात्राओं का समापन 15 नवंबर को जबलपुर और अलीराजपुर में होगा।


25 साल के जीवन में देश-समाज को दिशा दे गए भगवान बिरसा मुंडा
हेमंत खण्डेलवाल ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर, 1875 को एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा पहले एक मिशनरी स्कूल में हुई, लेकिन बाद में जब उन्हें लगा कि उनकी शिक्षा सही दिशा में नहीं है, तो वे अपने पारंपरिक धर्म की ओर लौट आए। उन्होंने देखा कि आदिवासियों का सामाजिक और आर्थिक शोषण हो रहा है। हमारे सांस्कृतिक ताने-बाने पर हमले हो रहे हैं, तो उन्होंने अंग्रेज सरकार के खिलाफ विद्रोह कर दिया। उन्हें सन् 1900 में गिरफ्तार कर लिया गया और गिरफ्तारी के कुछ दिनों बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ 25 साल जीवित रहे, लेकिन इतनी कम आयु में उन्होंने देश और समाज को नई दिशा दी। उन्होंने आदिवासी समाज के सुधार के लिए शराबबंदी, चोरी न करने और झूठ से दूर रहने जैसे अनेक नियम बनाए। उनके संघर्ष, त्याग और बलिदान को सम्मान देते हुए आदिवासी समाज के लोग उन्हें ‘धरती आबा’ यानी धरती के भगवान या पिता के रूप में पूजते हैं।


हर क्षेत्र की जनजातीय प्रतिभाओं का करेंगे सम्मान- मंत्री विजय शाह
मध्यप्रदेश सरकार के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने पत्रकार-वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जनजातीय गौरव दिवस के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक विस्तृत कार्य योजना बनाई है, जिनमें पार्टी कार्यकर्ता, जनजातीय समाज के लोग तथा अन्य समाजों के लोग भी सहभागिता करेंगे। उन्होंने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस के समापन पर जबलपुर में बड़ा कार्यक्रम होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि जनजातीय गौरव दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों की जनजातीय प्रतिभाओं को सम्मानित किए जाने की योजना है।

Dakhal News 7 November 2025

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