जगदलपुर । छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जगदलपुर में कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मकान, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। जो लोग रास्ता भटककर समाज से अलग हो चुके थे, वे आज गांधी जी के अहिंसा के विचार और सरकार के पुनर्वास नीति पर विश्वास कर समाज की मुख्यधारा में लौटे हैं। उन सभी काे मेरी हार्दिक शुभकामनाएं हैं।
मुख्यमंत्री साय शुक्रवार को पत्रकारवार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की पुनर्वास नीति पर विश्वास कर समाज की मुख्यधारा में लौटने वाले सभी लोगों को मेरी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। अब हमारे भाई-बहन विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं, उन्हें संविधान की प्रति भी दी गई है, ताकि वे लोकतांत्रिक व्यवस्था को समझें और अपनाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर के समग्र विकास के लिए वचनबद्ध है। बस्तर में अब बदलाव दिख रहा है-"सड़कें बन रही हैं, बिजली और राशन लोगों तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वालों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मकान, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता दी जाएगी। हमने सतत अध्ययन कर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में बेहतर से बेहतर पुनर्वास नीति तैयार की। इसी का परिणाम है कि आज माओवाद का रास्ता छोड़कर उनके साथी नक्सली विकास की धारा से जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास में आज तक ऐसा नहीं हुआ जब 210 से ज्यादा लोगों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया हो, यह सब हमारी सरकार की पुनर्वास नीति से संभव हो रहा है। जिसमे आवास समेत अन्य जरुरी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। आवास नीति में भी हमने विशेष प्रावधान किया है। उन्होंने आत्मसमर्पित नक्सलियों के भविष्य को लेकर कहा कि हम उन्हें सरकार की सभी योजनाओं का लाभ प्रदान करेंगे, ताकि उनका भविष्य उज्जवल हो। उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि ऐसा क्षेत्र जो नक्सलवाद के कारण विकास की पहुंच से अछूता था, वहां सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंच रहा है। नियद नेल्लानार जैसी योजनाओं के तहत इन क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधाओं का विस्तार हो रहा है। पक्की सड़कों से कनेक्टिविटी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पित लोगों को 3 वर्ष तक आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे उनका जीवन अच्छा और अभावरहित बीत सके।
हम अपने संकल्प पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं : गृहमंत्री
उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा कहा कि ने आज का दिन बस्तर के लिए ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल पर हम अपने संकल्प पूर्ति की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। बस्तर की जनता के मनोभाव के अनुरूप आज माओवादी संगठन के 210 लोगों ने पुनर्वास करने का निर्णय लिया और नये जीवन को चुना। सरकार से बड़ा समाज होता है यह सोचकर माओवादी संगठनों ने समाज के समक्ष पुनर्वास का निर्णय लिया गया। आज बस्तर में समाज के मानबिंदु मांझी, चालकी, गायता और पुजारियों ने समाज की मुख्यधारा में उनका स्वागत किया। उन्हाेंने कहा कि पुनर्वास नीति के तहत कोई नक्सली माता-पिता के सुख से वंचित है, तो सरकार मेडिकल ट्रीटमेंट तक की सुविधा देगी। डीआरजी को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें जो शामिल होना चाहें, उन्हें शामिल किया जाएगा। डीआरजी की मौजूदा टीम में 10 प्रतिशत ही आत्मसमर्पित नक्सली हैं, बाकी सभी नए भर्ती हुए लोग हैं।
उप मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि जल्द ही और भी लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने 31 मार्च 2026 तक माओवाद के खात्मे का संकल्प किया था, यह संकल्प पूरा हो रहा है। मुख्यधारा में वापसी को लेकर ललक बढ़ रही है। आत्मसमर्पित लोगों के पुनर्वास को लेकर हमारी नीति स्पष्ट रूप से समझाई जा रही है। आज माड़ डिविजन की पूरी कमेटी, गढ़चिरौली की कमेटी, कंपनी नंबर वन, कंपनी दस, संचार टीम, प्रेस टीम, डॉक्टर टीम ने आत्मसमर्पण किया है। अब उत्तर पश्चिम क्षेत्र पूरी तरह नक्सलमुक्त हो चुका है।
पत्रकारवार्ता में उप मुख्यमंत्री अरुण साव, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, विधायक दंतेवाड़ा चैतराम अटामी, छत्तीसगढ़ ब्रेवरेज कारपोरेशन के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी सहित अन्य जनप्रतिनिधी और पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा सहित सीआरपीएफ, बीएसएफ एवं आईटीबीपी के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी, कलेक्टर हरिस एस, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा समेत कोंडागांव, नारायणपुर,दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर जिले के एसपी के सीआरपीएफ, बीएसएफ एवं आईटीबीपी के अधिकारी मौजूद रहे।