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कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल कुशाभाऊ ठाकरे ऑडिटोरियम में आयोजित पंच-सरपंच सम्मेलन उन्मुखीकरण कार्यक्रम में शामिल हुए...उन्होंने अपने संबोधन में जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की बात कही और सभी से आग्रह किया कि वे वर्षा जल का संचयन करें, पुराने जल स्रोतों का पुनर्जीवन करें और अधिक से अधिक पौधारोपण करें...साथ ही कहा कि अगर छोटी नदियाँ बारहमासी होंगी तभी बड़ी नदियाँ भी बारहमासी बन सकेंगी
पंचायत एवं ग्रामीण विकास श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा जल संरक्षण केवल सरकार की जिम्मेदारी नहीं है ये हर नागरिक का कर्तव्य है...उन्होंने पंच-सरपंच सम्मेलन में ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे जल स्रोतों को संजोएं, वर्षा के जल को संग्रहित करें और हर गांव में पौधारोपण को अनिवार्य बनाएं....उन्होंने कहा कि अगर नदियों के उद्गम स्रोत खत्म हो जाएंगे तो नदी की कल्पना नहीं कर सकते...जल संरक्षण के लिए जमीनी प्रयास करने होंगे...पौधे के अलावा और कोई विशेष प्रयास नहीं है, जिससे जल को संरक्षित किया जा सके...इसलिए अधिक से अधिक पौधे लगाए और पौधे लगाने के बाद पौधे जिंदा रहें...इस बात का विषय तौर पर ध्यान रखें...
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