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भोपाल, 15 फरवरी: मध्य प्रदेश में 1500 करोड़ रुपये के परिवहन घोटाले ने सियासी हलचल मचा दी है। विपक्षी नेता उमंग सिंघार ने भाजपा सरकार पर घोटाले को दबाने और उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। सिंघार का कहना है कि मंत्री, अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से राज्य में हर साल करोड़ों रुपये की अवैध वसूली हो रही है।
गोविंद राजपूत पर बेनामी संपत्ति के आरोप
उमंग सिंघार ने एक बड़ा खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा के नेता गोविंद राजपूत ने 600 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति अर्जित की है। साथ ही सिंघार ने यह भी दावा किया कि राजपूत ने अपने शपथ पत्र में केवल 134 करोड़ रुपये की संपत्ति का उल्लेख किया, जबकि असलियत में उनके पास अधिक संपत्ति है। इस आरोप ने मध्य प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है।
सौरभ शर्मा और परिवहन विभाग के घोटाले पर गंभीर सवाल
सिंघार ने सौरभ शर्मा के मामले का भी उल्लेख किया, जिनके पास से घोटाले से जुड़े दस्तावेज़ मिले थे। सिंघार के अनुसार, इन दस्तावेजों की जांच नहीं की गई और शर्मा की गिरफ्तारी 41 दिन बाद की गई। उन्होंने कहा कि सौरभ शर्मा के फोन रिकॉर्ड जारी नहीं किए गए, जो घोटाले के बड़े नामों का पर्दाफाश कर सकते थे। सिंघार ने यह भी आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से हर महीने केंद्रीय मंत्री को दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी जाती थी।
प्रधानमंत्री को शिकायत की योजना
उमंग सिंघार ने घोटाले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपेंगे और उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार इस घोटाले की गंभीरता को समझेगी और उचित कदम उठाएगी।
इस बीच, भाजपा सरकार की ओर से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस घोटाले को लेकर लगातार सवाल उठाए हैं और सरकार से जवाब मांग रहे हैं।
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