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21 January 2025भोपाल: छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के मौजूदा प्रावधानों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भोपाल में कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान जीएसटी प्रणाली गरीबों और मध्यम वर्ग पर अधिक बोझ डाल रही है, जबकि अमीर वर्ग पर इसका कम प्रभाव पड़ता है।
गरीबों पर बढ़ा बोझ, अमीरों को कम असर
टी.एस. सिंहदेव ने अपने बयान में बताया कि मौजूदा जीएसटी व्यवस्था में गरीबों और मध्यम वर्ग पर 64 प्रतिशत जीएसटी का भार डाला जा रहा है, जबकि देश के 10 प्रतिशत अमीर केवल 3 से 4 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करते हैं। उन्होंने इसे अत्यंत असमान और अनुचित बताया और कहा कि यह आर्थिक असमानता को बढ़ावा दे रहा है।
जीएसटी दरों में जटिलता और सुधार की आवश्यकता
सिंहदेव ने जीएसटी की दरों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 9 अलग-अलग जीएसटी दरें हैं, जो बहुत जटिल हैं। उनका मानना है कि इन दरों को 2 या 3 स्लैब में सरलीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने उदाहरण के तौर पर पॉपकॉर्न जैसी सामान्य वस्तुओं पर भी विभिन्न दरों का हवाला दिया, जिन पर 5, 12 और 18 प्रतिशत की दरें लागू की गई हैं, जो पूरी तरह से अव्यावहारिक हैं।
कॉरपोरेट्स को टैक्स में छूट
सिंहदेव ने सरकार की नीति पर भी सवाल उठाया। उनका कहना था कि देश के कॉरपोरेट घरानों को हर साल 2 लाख करोड़ रुपये की टैक्स छूट दी जा रही है, जबकि गरीबों से ज्यादा जीएसटी वसूला जा रहा है। यह आर्थिक असमानता को और बढ़ावा देता है और सामाजिक न्याय की अवधारणा को कमजोर करता है।
सुधार की आवश्यकता
टी.एस. सिंहदेव ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है ताकि यह सभी वर्गों के लिए समान रूप से न्यायसंगत हो। उनका कहना था कि जीएसटी की दरों को सरल और पारदर्शी बनाया जाना चाहिए, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग पर कम बोझ पड़े और अमीर वर्ग को अनावश्यक छूट नहीं मिले।
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11 January 2025
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