MP की सियासत में सिंधिया ने चली थी ऐसी चाल, पल भर में गिर गई थी कमलनाथ सरकार
ज्योतिरादित्य सिंधिया

केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्रियों और नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके जन्मदिन (Union Minister Jyotiraditya Scindia) पर बधाई दी है। एक ऐसा भी समय था, जब सूबे की सियासत में कांग्रेस खेमे में उनकी तूती बोलती थी, लेकिन साल 2020 में जीवन का राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा फैसले लेते हुए सिंधिया ने सूबे की सियासत में भूचाल ला दिया था। उनके एक फैसले से कमलनाथ की सरकार झटके में गिर गई थी। सिंधिया राजघराने के ज्योतिरादित्य सिंधिया के जन्मदिन पर आइए उनसे जुड़ी खास बातें जानते हैं।

CM मोहन यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी बधाई

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके जन्मदिन (Jyotiraditya Scindia Birthday)  पर बधाई दी है। सीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "केंद्रीय संचार तथा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री माननीय ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को जन्मदिन की आत्मीय बधाई। देवाधिदेव महादेव से प्रार्थना है कि आप स्वस्थ रहें, शतायु हों तथा अविराम विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देते रहें, ऐसी शुभकामनाएं हैं।"

 

 

 

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी बधाई

वहीं, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ज्योतिरादित्य सिंधिया को उनके जन्मदिन पर बधाई दी है। शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है, "केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरे साथी, संचार और उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री @JM_Scindia जी को जन्मदिन की आत्मीय बधाई! ईश्वर से आपके उत्तम स्वास्थ्य, सुदीर्घ एवं मंगलमय जीवन की कामना करता हूँ।"

 

ज्योतिरादित्य सिंधिया की सियासत

अपने पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया राजनीति में उतरे और साल 2002 में पहली बार सांसद चुने गए। साल 2002 से लेकर अब तक सिंधिया के सियासी जीवन में कई उतार-चढ़ाव आए। उनके राजनीतिक जीवन में सबसे बड़ा बदलाव साल 2020 में आया। जब उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। सिंधिया के इस फैसले से कांग्रेस सरकार संकट में आ गई थी। साल 2002 में सिंधिया पहली बार गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद बने। इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2024 में भी ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए।

2024 में सिंधिया ने की जोरदार एंट्री

मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट को सिंधिया परिवार (Jyotiraditya Scindia Political Life Story) का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव में इस सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद साल 2019 में बीजेपी ने सिंधिया को मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा था। आखिरकार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साल 2024 में एक बार फिर से बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ते हुए 5 लाख से भी अधिक वोटों से जीत हासिल की। साल 2024 में सिंधिया ने जोरदार तरीके से कमबैक किया। साल 2025 भी सिंधिया की सियासी जिंदगी के लिए काफी अहम माना जा रहा है।

2 प्रधानमंत्री के साथ काम करने का अनुभव

बता दें कि, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भारत के 2 प्रधानमंत्री के साथ काम करने का अनोखा अनुभव है। सिंधिया साल 2007 में पहली बार पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री बने थे। इसके अलावा सिंधिया के पास 2012 से मई 2014 तक मनमोहन कैबिनेट में स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री की जिम्मेदारी थी। वहीं, कांग्रेस का हाथ छोड़ने के बाद बीजेपी का दामन थामने पर सिंधिया को बीजेपी से कई सौगातें मिलीं। साल 2021 में ज्योतिरादित्य सिंधिया को नरेंद्र मोदी सरकार में भी उड्डयन मंत्री मंत्री बनाया गया। इसके बाद 2024 में नरेंद्र मोदी सरकार बनने पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को सूचना एवं प्रसारण व उत्तर पूर्वी राज्यों के मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई।

Dakhal News 2 January 2025

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