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भा्रतीय जनता पार्टी के विधायक रामेश्वर शर्मा ने मदरसों में राष्ट्रगान को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब सरकार मदरसों के लिए जमीन देती है, तो वहां राष्ट्रगान गाने में क्या समस्या हो सकती है। उनका मानना है कि राष्ट्रगान केवल एक गान नहीं, बल्कि एक वंदना है, और जब यह स्कूलों में हो सकता है तो मदरसों में भी इसे गाना चाहिए।
भारत का संविधान और राष्ट्रीय प्रतीक
रामेश्वर शर्मा ने यह भी कहा कि भारत का संविधान बाबा साहब अंबेडकर ने तैयार किया था और इसमें यह तय किया गया था कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान क्या होगा। पंडित जवाहरलाल नेहरू भी राष्ट्रगान गाते थे, इसलिए यह समझना जरूरी है कि मदरसों में राष्ट्रगान गाने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उनके अनुसार, यह कोई विदेश से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि भारत के मदरसे हैं, और इनका भी भारत के प्रतीकों के साथ सम्मान होना चाहिए।
मदरसों को भारत के प्रतीकों से जोड़ने की आवश्यकता
विधायक रामेश्वर शर्मा ने यह भी कहा कि मदरसों के लिए जमीन देने वाली सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राष्ट्रगान का पालन वहां भी हो। उनका तर्क है कि राष्ट्रगान भारत की एकता और अखंडता का प्रतीक है, और इसे सभी भारतीय संस्थाओं में, चाहे वह स्कूल हो या मदरसा, गाया जाना चाहिए।
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