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पीएम मोदी ने "भारतीय संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा" पर सदन में दो दिन की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "देश के भविष्य के लिए संविधान की भावना से प्रेरित होकर मैं आज इस सदन के समक्ष 11 संकल्प प्रस्तुत करना चाहता हूं। यदि प्रत्येक भारतीय अपने मूल कर्तव्यों का पालन करे तो भारत को विकसित राष्ट्र बनने से नहीं रोका जा सकता."
पीएम मोदी ने जो संकल्प सदन के समक्ष पेश किए वे इस प्रकार हैं-
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि 'सबका साथ, सबका विकास' हमारे लिए सिर्फ नारा नहीं है, यह हमारे लिए आस्था का विषय है। आने वाले दशकों में हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि हमें लोकतंत्र को किस दिशा में ले जाना चाहिए. हमें इस बात पर विचार करना चाहिए कि क्या परिवार-आधारित राजनीति से हमारे लोकतंत्र को कोई नुकसान पहुंचा है, क्या हमें इसे सुधारने की दिशा में काम नहीं करना चाहिए?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राजनीति में ऐसे युवाओं को लाने की जरूरत है, जिनकी कोई पारिवारिक पृष्ठभूमि नहीं है. सभी राजनीतिक दलों को बिना किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नए लोगों को पार्टी में लाने के लिए काम करना चाहिए.
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