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मध्य प्रदेश के देवास जिले में एक खेत में आठ राष्ट्रीय पक्षी मोर मृत अवस्था में मिले हैं। इससे पहले देवास जिले में एक महीने में करीब चार तेंदुओं की मौत हो चुकी है। लगातार हो रही मोरों और तेंदुओं की मौत ने प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। मोरों की मौत देवास के बिलावली के दुर्गापुरा में हुई है।
वन विभाग के रेंजर राजेंद्र सोलंकी ने बताया कि मोरों के कोई अंग क्षत-विक्षत नहीं थे, जिससे प्रथम दृष्टया शिकार का कोई प्रकरण नहीं लगता है। खेत में चने की बुआई की गई थी, जहां एक माह पूर्व कीटनाशक का छिड़काव किया गया था। लेकिन यह कीटनाशक के कारण हुआ है या किसी अन्य कारण से, इसका पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा। आसपास की मिट्टी और पानी का सैंपल लिया गया है और दवाई की खाली बोतल जब्त की गई है।
पशु चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों की पैनल ने सभी मृतक मोरों का पोस्टमार्टम किया है।
प्रशासन इस घटना की गंभीरता से जांच कर रहा है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मोरों की मौत के कारण का सही पता चल पाएगा। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी चिंता पैदा कर दी है और वे वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।
देवास जिले में हो रही लगातार वन्यजीवों की मौतें प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। यह घटना वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक गंभीर संकेत है और हमें अपने पर्यावरण और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहना होगा।
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