मध्य प्रदेश नर्सिंग घोटाला: सीबीआई की रिपोर्ट ने खोली पोल, NSUI ने लगाए गंभीर आरोप
भोपाल

भोपाल: मध्य प्रदेश का बहुचर्चित नर्सिंग महाघोटाला नए-नए खुलासों के साथ गहराता जा रहा है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की दूसरी रिपोर्ट ने इस घोटाले की गंभीरता को उजागर किया है। रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के 667 नर्सिंग कॉलेजों में से 309 को अपर्याप्त श्रेणी में रखा गया है। यह आंकड़ा पहली रिपोर्ट की तुलना में चार गुना ज्यादा है।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए, नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने नर्सिंग कॉलेजों में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई की रिपोर्ट से साफ है कि नर्सिंग काउंसिल और नर्सिंग कॉलेज संचालकों के बीच गहरी मिलीभगत से भ्रष्टाचार हो रहा है।

परमार ने आरोप लगाया कि इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने सीबीआई द्वारा अपर्याप्त घोषित किए गए नर्सिंग कॉलेजों को ही 2024-25 सत्र के लिए मान्यता जारी कर दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि सिस्टम में व्यापक भ्रष्टाचार है। उन्होंने कहा कि 2005 से फर्जी नर्सिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं जिनके ऊपर प्रशासन ने ध्यान तक नहीं दिया। इन फर्जी कॉलेजों ने लाखों छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्रियां दी हैं, जिनकी भी जांच होनी चाहिए।

भोपाल में रानी दुर्गावती गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज ढूंढने वाले को एक लाख का इनाम:

परमार ने इस मामले में एक और चौंकाने वाला खुलासा करते हुए बताया कि भोपाल में रानी दुर्गावती गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज नामक एक संस्थान है जिसका अस्तित्व जमीन पर नहीं है, लेकिन इंडियन नर्सिंग काउंसिल ने इस कॉलेज को मान्यता दे दी है। उन्होंने इस कॉलेज को ढूंढने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।

सीबीआई की रिपोर्ट में क्या है:

सीबीआई की दूसरी रिपोर्ट में सामने आया है कि मध्य प्रदेश के कई नर्सिंग कॉलेजों में बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं, शिक्षक योग्य नहीं हैं और छात्रों की संख्या निर्धारित मानकों से अधिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई कॉलेजों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता प्राप्त की गई है।

सरकार पर गंभीर आरोप:

NSUI ने इस पूरे मामले के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। परमार ने कहा कि सरकार ने नर्सिंग शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

छात्रों का भविष्य दांव पर:

इस घोटाले से हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लग गया है। जो छात्र इन फर्जी कॉलेजों से डिग्री ले चुके हैं, उनका करियर खतरे में है। इसके अलावा, जिन छात्रों ने इन कॉलेजों में दाखिला लिया है, उनका भविष्य भी अंधेरे में है।

क्या हैं इस घोटाले के मायने:

यह घोटाला न केवल शिक्षा के क्षेत्र में भ्रष्टाचार को उजागर करता है, बल्कि यह स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़ा करता है। अगर इन कॉलेजों से निकले नर्स प्रशिक्षित नहीं हैं तो इससे मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।

आगे क्या होगा:

इस मामले में अब सभी की नजरें सरकार और सीबीआई पर टिकी हुई हैं। देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है और दोषियों को कितनी सजा मिलती है।

निष्कर्ष:

मध्य प्रदेश का नर्सिंग महाघोटाला एक गंभीर मामला है जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस घोटाले ने शिक्षा के क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है और यह एक बड़ी चिंता का विषय है। सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए और दोषियों को कड़ी सजा देनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के घोटाले न हो सकें।

Dakhal News 30 November 2024

Comments

Be First To Comment....

Video
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.