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भोपाल: मध्य प्रदेश में मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार ने लगभग 25 साल बाद किसानों की सोयाबीन फसल की खरीद शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया में सेवा सहकारी संस्थाएं, कृषि विभाग, राजस्व विभाग और वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन के कर्मचारी और अधिकारी शामिल हैं।
किसानों के लिए नई उम्मीद
किसानों को मंडियों में उनकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाने के कारण नुकसान उठाना पड़ता था। अब, सरकार सोयाबीन की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में लगभग 1,400 खरीद केंद्र स्थापित किए हैं।
पंजीकरण और सुविधाएं
किसानों ने इन केंद्रों पर अपनी सोयाबीन फसल की बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। देवास जिले में कुल 21 खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 13 केंद्रों पर सोयाबीन की खरीदी के लिए वेयरहाउसों में कार्य जारी है। किसानों के लिए इन केंद्रों पर छाया और पीने के पानी की व्यवस्था की गई है।
एफएक्यू मानक और MSP
फसलों को खरीदने से पहले किसानों को स्लाइड बुक करना आवश्यक है। खरीद प्रक्रिया एफएक्यू (फूड क्वालिटी) के मानक अनुसार की जा रही है। इस बार MSP 4,892 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, और किसानों को भुगतान ऑनलाइन किया जाएगा।
पंजीकरण की संख्या
प्रदेशभर में लगभग 3 लाख 44 हजार किसानों ने पंजीकरण कराया है, जो इस नई पहल के तहत अपनी फसल बेचने के लिए तैयार हैं।
मध्य प्रदेश की यह पहल किसानों को आर्थिक मदद प्रदान करने और उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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