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								मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपये की योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीणों को आसानी से स्वच्छ पेयजल मुहैया कराना है, लेकिन योजना के तहत पाइपलाइन लगाने का कार्य ठेकेदारों की मनमानी और जल विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से प्रभावित हो रहा है।
देवास जिले के कन्नौद-खातेगांव क्षेत्र में पाइपलाइन लगाने का काम चल रहा है। कुसमानिया क्षेत्र के भिलाई और मोहाई में पाइपलाइन खुदाई का काम भी जारी है। लेकिन ठेकेदारों की मनमानी के कारण पाइपों को निर्धारित गहराई से कम गहराई में डाला जा रहा है, जिससे कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों ने इस अनियमितता की शिकायत जल विभाग के अधिकारियों से की। शिकायत के बाद जल विभाग की डिप्टी मैनेजर मोनिका मालवीया और इंजीनियर अजय तिवारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने पाया कि पाइपों को कम गहराई में डाला जा रहा है, जिससे काम की गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है। इसके बाद अधिकारियों ने काम रोकने का आदेश दिया, लेकिन ठेकेदार ने अपनी दबंगई दिखाते हुए कार्य जारी रखा और अधिकारियों के आदेश की अनदेखी की।
यह मामला प्रशासन की लापरवाही और ठेकेदारों की दबंगई को उजागर करता है, जो सरकारी योजनाओं को सही तरीके से लागू करने में बाधा डाल रहे हैं। इस मामले में ग्रामीणों और अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि उचित निगरानी और सख्त कार्रवाई के बिना योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन असंभव है।
इस घटना के बाद यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सरकारी योजनाओं का लाभ आम जनता तक सही तरीके से पहुंच पाएगा, जब तक ठेकेदार और विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से निर्वहन नहीं करते।
							
							
							
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