Dakhal News
21 January 2025मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी की भाजपा में वापसी के बाद अब दल-बदल फिर चर्चा में है। वर्ष 2020 में कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जितने नेताओं ने पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थामा था, उन सभी की अब तक 'बल्ले-बल्ले' है। शिवराज सिंह से लेकर मोहन कैबिनेट तक में उनका अच्छा प्रभाव है। वहीं, विधानसभा चुनाव 2023 और लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में कांग्रेस छोड़कर जो लोग भाजपा में शामिल हुए, उनमें से ज्यादातर की हताशा बढ़ती जा रही है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी से लेकर कमल नाथ का दाहिना हाथ कहे जाने वाले दीपक सक्सेना, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और विधायक कमलेश शाह का भी नाम शामिल है।
पद रूपी पुनर्वास का लंबा होता इंतजार, बढ़ रही हताशा
-भाजपा के सूत्र बताते हैं कि सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सूची तैयार तो हो गई थी, लेकिन अब माना जा रहा है कि पार्टी के संगठन चुनाव के बाद ही उन्हें मंत्री दर्जा मिल पाएगा।
-ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, एदल सिंह कंषाना ऐसे नेता हैं जो शिवराज सिंह की सरकार में मंत्री रहे और मोहन सरकार में भी मंत्री हैं।
-वहीं अलग से भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के बारे में सूत्र बताते हैं कि उन्हें ज्योतिरादित्य सिंधिया के सांसद चुने जाने के बाद रिक्त होने वाली राज्यसभा की सीट देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन हुआ कुछ और।
-सुरेश पचौरी का कद कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के बराबर था। वह लंबे समय तक राज्यसभा सदस्य भी रहे। दिल्ली की राजनीति में उनकी मजबूत पकड़ रही है लेकिन जब से भाजपा में आए हाशिए पर ही हैं।
-इसी तरह दीपक सक्सेना को भी भाजपा नेताओं ने निगम-मंडल में नियुक्ति का भरोसा दिलाया था, पर उन्हें भी कुछ नहीं मिला। कांग्रेस विधायक रहे कमलेश शाह को भी मंत्री बनाने का वादा किया था, लेकिन वह केवल विधायक बन पाए।
दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले चार वर्ष से दल-बदल का खेल जमकर खेला रहा है। इस वजह से राजनीतिक दलों का परिदृश्य ही बदल गया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से आए इन सात नेताओं मोहन सिंह राठौर, ब्रजबिहारी पटेरिया, राजेश शुक्ला, सिद्धार्थ तिवारी, सचिन बिरला, छाया मोरे और कामाख्या प्रताप सिंह को टिकट दिया। सभी ने जीत हासिल की और विधायक बन गए।
लोकसभा चुनाव के पहले भी कांग्रेस में भगदड़ की स्थिति बनी रही। भाजपा की न्यू ज्वाइनिंग टोली के प्रदेश संयोजक डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कांग्रेस के पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रदेश व जिला पदाधिकारियों की बड़ी संख्या में भाजपा में ज्वाइनिंग कराई। हालांकि इनमें से अधिकांश को सदस्यता के अलावा कुछ खास नहीं मिला है।
Dakhal News
17 November 2024
All Rights Reserved © 2025 Dakhal News.
Created By: Medha Innovation & Development
|