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मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने लंबे इंतजार के बाद नई कार्यकारिणी की घोषणा तो कर दी, लेकिन कांग्रेस की नई टीम के सामने आने के बाद से ही नेताओं के इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. जीतू पटवारी की नई टीम के लिए कांग्रेस ने दो सूची में नई प्रदेश कार्यकारिणी घोषित की थी, जिससे अब तक कई सीनियर नेताओं की नाराजगी सामने आई है, जबकि कार्यकारिणी में जगह पाने वाले कई नेताओं ने ही इस्तीफे दिए हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी घोषित होने के बाद अब तक 6 नेताओं ने पद ठुकरा दिया है. जिसमें पूर्व विधायक भी शामिल हैं. सबसे पहले इंदौर के कांग्रेस नेता प्रमोद टंडन ने कांग्रेस पार्टी ही छोड़ी थी, जबकि उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन सूची आने के बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया. कांग्रेस ने पहली लिस्ट में 177 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे, जबकि दूसरी लिस्ट में 158 पदाधिकारियों के नाम घोषित किए थे. इस तरह से कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में अब तक 355 पदाधिकारी हो गए है. लेकिन कई जिलों से असंतोष दिख रहा है.
रैगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस की पूर्व विधायक रही कल्पना वर्मा को प्रदेश कार्यकारिणी में सचिव बनाया गया था. लेकिन उन्होंने सचिव का पद लेने से इंकार कर दिया है. वहीं दौर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमन बजाज, भोपाल कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष मोनू सक्सेना, मुरैना से रामलखन दंडोतिया और यासिर हसनत सिद्धीकी ने पद लेने से इंकार किया है. कई नेता खुद को जो पद मिला है उससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं.
मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर सीनियर नेता भी नाराज दिखे थे. पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल और गोविंद सिंह ने भी सवाल उठाए थे. गोविंद सिंह ने अपने समर्थकों को जगह नहीं मिलने की बात कही थी, जबकि नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने विंध्य की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था. वहीं पूर्व विधायक और कार्यकारिणी में अध्यक्ष बनाए लक्ष्मण सिंह ने भी कार्यकारिणी को लेकर सवाल खड़े किए थे. माना जा रहा है कि पहली लिस्ट में नेताओं की नाराजगी बढ़ने के बाद ही दूसरी लिस्ट जारी की गई थी. लेकिन दूसरी लिस्ट के बाद भी सियासत दिख रही है.
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