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भोपाल में एक युवक ने अपनी तीन साल की भांजी की गला रेतकर हत्या कर दी। वारदात रविवार रात जहांगीराबाद इलाके की है। परिजन ने ताना मारते हुए युवक को कुछ काम करने के लिए बोला था। इतना सुनते ही युवक बोला- काम करके दिखाता हूं। यह कहकर कमरे से छुरी लाया और बच्ची का गला काट दिया।
मोइन उर्फ अंबार जहांगीराबाद बाजार में रहते हैं। रुमेजा उनकी बेटी थी। उसे लेकर मां रविवार को ससुराल के पास ही स्थित अपने मायके गई थी। बच्ची की नानी ने इन्हें रात को खाने के लिए रोक लिया था। रात करीब 11 बजे बच्ची खेलते हुए अपने मामा फराज (30) के पास चली गई।
मामा से कुछ दिलाने की जिद कर रही थी बच्ची
रात को भांजी रुमेजा अपने मामा (फराज) से कुछ चीज दिलाने की जिद कर रही थी। इधर, परिजन फराज को सही ढंग से रहने और काम करने को लेकर समझा रहे थे। इससे गुस्साए फराज ने कहा- अभी काम करके दिखाता हूं। वह अंदर से एक छुरी लेकर आया और जब तक कोई कुछ समझ पाता उसने बच्ची का गला काट दिया।
इस दौरान बच्ची मां भी मौजूद थी। जब तक परिजन ने बच्ची को आरोपी के चुंगल से छुड़ाया, तब तक बहुत खून बह चुका था।
पहले भी वारदात कर चुका है आरोपी फराज
बच्ची को पास ही के निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस बीच, परिजन ने आरोपी को घर में बंद कर दिया। सूचना के बाद पुलिस भी पहुंची। परिजन ने उसे पुलिस को सौंप दिया। वो पहले भी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे चुका है। पुलिस रिकॉर्ड खंगाल रही है।
पिता बोले- विवाद का बदला लेने बेटी को मारा
बच्ची के पिता अम्मार ने बताया कि 25 दिन पहले परिवार के साथ परवलिया क्षेत्र स्थित फार्म हाउस गए थे। वहां आरोपी फराज ने बड़े बेटे याह्या उस्मानी को स्विमिंग पूल में डुबाने की कोशिश की थी। यह देखकर मैंने गुस्से में फराज को थप्पड़ मार दिया था। तभी से ही वह रंजिश रखता था।
शनिवार को पत्नी नूरिस बेटी रुमेजा को लेकर मायके गई। वहां सास ने दोनों को रोक लिया। रविवार को फराज अपनी बाइक की सर्विसिंग कराकर रात को घर लौटा। नूरिस ने उसे नौकरी करने की समझाइश दी। यही बात उसे बुरी लग गई। कुछ देर बाद उसने छुरी से बेटी का गला रेत दिया।
वार इतने गहरे थे कि मौके पर ही उसकी मौत हो गई। हालांकि पत्नी उसे अस्पताल लेकर पहुंची, तब तक देर हो चुकी थी। आरोपी ने बच्ची के गले में सीधा चाकू घोंपा था।
आरोपी के मनोरोगी होने के सबूत नहीं
वारदात के बाद परिवार आरोपी फराज को मनोरोगी बता रहा था लेकिन अब तक की पुलिस जांच में उसके मनोरोगी होने के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस ने इलाज के पर्चे मांगे हैं।
बीएससी ग्रेजुएट है आरोपी
आरोपी फराज बीएससी ग्रेजुएट है। उसने PGDCA का डिप्लोमा भी किया है। इसके बाद लंबे समय तक प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी में जॉब किया। डेढ़ साल पहले तक वर्क फ्रॉम होम किया है। अम्मार का कहना है कि आरोपी को बचाने के लिए परिवार उसे मानसिक रोगी बता रहा है।
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