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महाराष्ट्र की नांदेड लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण का सोमवार (26 अगस्त) को निधन हो गया है. वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में स्थित क्रीम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनका इलाज चल रहा था. रविवार रात उनकी तबीयत बिगड़ गई और सोमवार सुबह उनका देहांत हो गया. उनके निधन से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है.
मिली जानकारी के मुताबिक, आधी रात को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. इसके बाद सोमवार तड़के 4 बजे उन्होंने अस्पताल में अंतिम सांस ली. वसंतराव चव्हाण को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वह ब्लड प्रेशर कम होने से भी परेशान थे. शुरुआत में तबीयत बिगड़ने पर उन्हें नांदेड के अस्पताल में ही भर्ती कराया गया था. कुछ समय वहां पर उनका इलाज भी चला, लेकिन फिर डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया था.
कैसा रहा था वसंतराव चव्हाण का राजनीतिक करियर?
वसंतराव चव्हाण की महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में गिनती होती थी. वह पहली बार 2009 में नायगांव विधानसभा सीट से जीतकर महाराष्ट्र विधानसभा पहुंचे थे. उन्होंने ये चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीत हासिल की. इसके बाद उनका राजनीतिक कद बढ़ता ही चला गया. वह सितंबर 2014 में कांग्रेस में शामिल हुए और पार्टी का दामन थामने से पहले मई में ही उन्हें लोक लेखा समिति में नियुक्त किया गया था. 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भी उन्हें नायगांव सीट से जीत मिली थी.
2024 में हुए लोकसभा चुनाव में नांदेड लोकसभा सीट से वसंतराव को 59442 वोटों से जीत मिली. उन्होंने बीजेपी के चिखलीकर प्रतापराव गोविंदराव को हराया. वह महाराष्ट्र की राजनीति के उन कुछ चुनिंदा नेताओं में से रहे हैं, जिन्हें जमीन से जुड़ा हुआ माना जाता था. वसंतराव चव्हाण पहली बार 1978 में अपने नायगांव गांव के सरपंच बने थे. उनका निधन महाराष्ट्र कांग्रेस के लिए एक बड़ी क्षति के तौर पर देखा जा रहा है.
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