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छतरपुर शहर में 21 अगस्त को सिटी कोतवाली में प्रदर्शन करने पहुंची भीड़ में आए उपद्रवियों के द्वारा की गई पत्थरबाजी के खिलाफ पुलिस लगातार एक्शन ले रही है. पहले मुख्य आरोपी के 10 करोड़ के घर पर बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया. वहीं अब 16 लोगों के बंदूक का लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया. इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह प्रदेश सरकार और प्रशासन पर लगातार निशाना साध रहे हैं.
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर ट्वीट कर कहा, "छतरपुर में थाने पर पथराव का मैं समर्थन नहीं करता, लेकिन इसके आरोप में हाजी शहजाद अली का मकान जमींदोज करना, उनकी गाड़ियों पर बुलडोजर चलाना और उसे गुनाहों का मुखिया घोषित करना भी संदेह पैदा करता है. संदेह यह भी है कि मप्र में बीजेपी नेता जिस घटना को पत्थरबाजी से जोड़ रहे हैं. स्थानीय कलेक्टर उसे अवैध निर्माण का मामला बता रहे हैं."
क्या देश में न्यायालय की भूमिका खत्म हो गई- दिग्विजय
उन्होंने कहा कि "प्रशासन और राजनीतिक लोगों के बयानों में विरोधाभास है. दूसरी तरफ कानूनी सवाल भी है कि किसी व्यक्ति का घर बिना प्रक्रियाओं का पालन किए कैसे तोड़ा गया? वहीं सबसे बड़े कोतवाल सांसद जी बनकर उभरे और तुरंत बयान दे दिया कि पत्थर फेंकनेवालों के साथ यही सलूक किया जाएगा और उन्हें नेस्तनाबूत कर देंगे. क्या देश में न्यायालय की भूमिका खत्म हो गई है? क्या स्थानीय पुलिस और सांसद ही कानूनी फैसले लेने के लिए नियुक्त कर दिए गए हैं?"
देर रात तक हो रही है चेकिंग
वहीं इस घटना के बाद से छतरपुर प्रशासन खासी अलर्ट नजर आ रही है. शहर में शांति बनाए रखने और आरोपियों को पकड़ने के लिए देर रात तक चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. वहीं पथराव की घटना पर एसडीओपी छतरपुर चंचलेश मरकाम ने बताया कि "घटना घटित होने के बाद से लगातार कार्रवाई की जा रही है.
सीमावर्ती इलाकों में लगातार चेकिंग की जा रही है. शांति व्यवस्था भंग न हो ये सुनिश्चित किया जा रहा है. उपद्रवियों की तलाश की जा रही है, उनकी गिरफ़्तारी सुनिश्चित की जा रही है."
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