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21 January 2025राष्ट्रपति भवन ने आज गुरुवार (25 जुलाई) को दरबार हॉल और अशोक हॉल का नाम बदल दिया गया है. अब से दरबार हॉल को 'गणतंत्र मंडप' और अशोक हॉल को 'अशोक मंडप' के नाम से जाना जाएगा. मामले पर सियासत भी तेज हो गई है. इसको लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पीएम मोदी पर निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने कहा कि दरबार का कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' का कॉन्सेप्ट है राष्ट्रपति भवन की ओर से गुरुवार (25 जुलाई) को जारी एक प्रेस रिलीज में इसकी जानकारी दी गई. पिछले साल ही केंद्र की मोदी सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ कर दिया था. ‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रजेंटेंशन जैसे खास समारोहों और उत्सवों का स्थल है. 'दरबार' शब्द का अर्थ भारतीय शासकों और अंग्रेजों की कोर्ट और सभाओं से है.
दरबार हॉल का हुआ नामकरण
भारत के गणतंत्र बनने के बाद, यानी 'गणतंत्र' के बाद इसकी प्रासंगिकता खत्म हो गई. 'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से ही भारतीय समाज में गहराई से निहित है, इसलिए 'गणतंत्र मंडप' इस आयोजन स्थल के लिए एक उचित नाम है.अशोक हॉल' का नाम बदलकर हुआ अशोक मंडप' राष्ट्रपति भवन में बना 'अशोक हॉल' मूल रूप से एक बॉलरूम था. 'अशोक' शब्द का अर्थ है वह शख्स जो "सभी कष्टों से मुक्त' हो. साथ ही, 'अशोक' सम्राट अशोक को प्रदर्शित करता है, जो एकता और शांति का प्रतीक है. भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ से अशोक का सिंह सबसे ऊपर है. जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है. ऐसे में 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' करने से ब्रिटिश हुकूमत के निशान मिट जाते हैं
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25 July 2024
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