संसद में राहुल ने किसानों से मुलाकात की
Rahul met farmers in Parliament

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज संसद में किसान नेताओं से मुलाकात की। किसान नेताओं का 12 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल संसद में राहुल के ऑफिस पहुंचा और लोकसभा प्रतिपक्ष नेता से मुलाकात की। किसान नेताओं से मुलाकात के बाद राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में MSP की कानूनी गारंटी देने की बात कही थी। हमने आकलन किया है, ये बिल्कुल किया जा सकता है।

इस बारे में हमने किसान नेताओं के साथ बैठक की। हमने तय किया है कि INDIA गठबंधन के नेताओं से चर्चा कर, हम सरकार पर MSP की कानूनी गारंटी के लिए दबाव बनाएंगे।

राहुल का आरोप- किसानों को इंट्री की परमीशन नहीं, बाद में इजाजत मिली

मुलाकात से कुछ देर पहले राहुल ने किसानों को संसद के अंदर नहीं आने देने का आरोप लगाया था। राहुल ने कहा था कि, हमने उन्हें (किसान नेताओं को) यहां मिलने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन वे उन्हें यहां (संसद में) नहीं आने दे रहे हैं। क्योंकि वे किसान हैं, शायद यही कारण है कि वे उन्हें अंदर नहीं आने दे रहे हैं। इसके बाद किसानों को अंदर जाने की इजाजत मिली।

प्रदर्शनकारी किसान 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे

22 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने कहा था कि वे देशभर में मोदी सरकार के पुतले जलाएंगे। MSP गारंटी को कानूनी बनाने की अपनी कानून की गारंटी, ऋण माफी, फसल बीमा, किसानों और खेतिहर मजदूरों की पेंशन, बिजली के निजीकरण को वापस लेने समेत अन्य मांगों को पूरा करने के लिए नए सिरे से विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे।

इसके अलावा विपक्ष द्वारा निजी विधेयकों का समर्थन करने के लिए मार्च भी निकालेंगे। प्रदर्शनकारी किसान 15 अगस्त को देश भर में ट्रैक्टर रैली निकालेंगे और नए क्रिमिनल बिल की कॉपियां भी जलाएंगे। किसान संगठनों ने कहा था कि किसानों का 'दिल्ली चलो' मार्च 31 अगस्त को 200 दिन पूरा करेगा। संगठनों ने किसानों से पंजाब-हरियाणा के खनौरी-शंभू बॉर्डर पर पहुंचने की अपील भी की है।

क्या होता है प्राइवेट मेंबर्स बिल

संसद में पेश होने वाले सार्वजनिक बिल (Public Bill) और प्राइवेट मेंबर्स बिल (Private Member Bill) में अंतर होता है। प्राइवेट मेंबर बिल को कोई भी संसद सदस्य यानी सांसद पेश करता है। अंतर केवल यह है कि वो मंत्री नहीं होना चाहिए। ऐसे ही सासंद को प्राइवेट मेंबर कहते हैं।

प्राइवेट मेंबर्स के बिल को केवल शुक्रवार को पेश किया जा सकता है। उन पर चर्चा भी इसी दिन की जा सकती है। अगर शुक्रवार को कोई प्राइवेट मेंबर्स बिल चर्चा के लिए नहीं होता तो उस दिन सरकारी विधेयक पर चर्चा की जाती है। जबकि सरकारी या पब्लिक बिल को सरकार के मंत्री पेश करते हैं और ये किसी भी दिन पेश किए जा सकते हैं।

प्राइवेट मेंबर्स बिल सदन में पेश किए जाने लायक हैं या नहीं इसका फैसला लोक सभा अध्यक्ष और राज्य सभा के सभापति करते हैं। पेश होने की अनुमति मिलने के बाद प्राइवेट मेंबर बिल यह समीक्षा के लिए विभिन्न विभागों में जाते हैं। जब वहां से इन बिलों को अनुमोदन मिल जाता है, तब ही ये सदन के पटल पर रखे जाते हैं।

Dakhal News 24 July 2024

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