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सीतापुर में पौधरोपण कार्यक्रम में पहुंचीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल नाराज हो गईं। उन्होंने अफसरों और विधायकों को फटकार लगाई। राज्यपाल ने कहा- मुझे इस व्यवस्था के बारे में पता होता तो सीतापुर कभी नहीं आती। आप लोग इतने बड़े-बड़े पौधे लेकर आए हैं, लेकिन उनको लगाने के लिए इतने छोटे-छोटे गड्ढे खोदे गए हैं। ये लापरवाही है। उन्होंने कहा- मैं डेढ़ घंटे का सफर करके सीतापुर आई हूं। मुझे पता होता तो यहां कभी नहीं आती। मंच से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यहां टीचर भी फोटो खिंचवाने के लिए आए हैं, उनको पता ही नहीं कि उनकी क्या जिम्मेदारी है। फोटो खिंचवाने के लिए मुझे भी बुला रहे हैं। दरअसल, जिले के खैराबाद इलाके में स्थित सेना की जमीन मद्रास रेजीमेंट में पौधरोपण कार्यक्रम था। इसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया। कार्यक्रम के दौरान आसपास की सीटों के 4 विधायक, डीएम और भाजपा के सीनियर नेता मौजूद रहे।
जो अच्छा काम नहीं करता, उसको मैं डांट जरूर लगाती हूं
आनंदीबेन पटेल ने कहा- कार्यक्रम से पहले जो लोग मुझसे मिलने आए थे, तो मैंने पहले ही कहा था कि कैसे पौधरोपण करना है। फिर भी ऐसा कार्यक्रम है। उन्होंने कहा- मेरी आदत है कि जो अच्छा काम नहीं करता है, उसको डांट जरूर लगाती हूं।
पता होता तो मैं सीतापुर ही नहीं आती
राज्यपाल ने कहा कि पुलिस अफसर, प्रशासन और सेना सहित वन विभाग के अफसर मौजूद हैं। किसकी जिम्मेदारी है। हमारे विधायक लोग भी मौजूद हैं। आप लोगों को देखना चाहिए कि कैसे काम हो रहा है। मुझे पता है कि यह सब कुछ सुबह प्रेस में आएगा, लेकिन सेना के मैदान पर हुए इस कार्यक्रम में अफसर और नेताओं ने बड़ी लापरवाही बरती है। मुझे इस व्यवस्था के बारे में पता होता तो सीतापुर नहीं आती।
बच्चों को प्रेरित करने की थी जरूरत
राज्यपाल ने कहा कि जिस तरह से हमारे बच्चों को प्रेरित करने की जरूरत थी। मुझसे जो लोग मिलने आए थे। मैंने उनसे इसकी लंबी चर्चा की थी। कैसे पेड़ को सलाम करना चाहिए, कैसे पेड़ लगाना चाहिए। सभी अधिकारी यहां उपस्थित हैं। यह जिम्मेदारी हमारे लोगों की है। यहां पर ऐसे खड्डे खोदे गए हैं। इतने बड़े पेड़, और इतना छोटा गड्ढा खोदा गया है। क्या हम लोगों को पता नहीं है। वन विभाग की यह जिम्मेदारी होती है। कहां गया वन विभाग जो यह सब करता है। इससे अच्छा तो मैं नहीं आती इधर। सेना के जवान इधर हैं, होमगार्ड इधर हैं, पुलिस अधिकारी मौजूद हैं, वन विभाग मौजूद है, एनएस और एनसीसी के स्टूडेंट हैं यहां। फिर भी इधर ऐसा काम हो रहा है। मां को याद करके पेड़ लगाना था। बच्चों को भी पता नहीं कैसे पेड़ लगाना है। उनको भी सिखाना था। लेकिन यहां पर कुछ नहीं हुआ। मैं आपको माफ नहीं करुंगी। इतनी लापरवाही मैंने कही नहीं देखी। हम किस लिए आते हैं। ऐसे कार्यक्रम क्यों होते हैं।
यहां सब फोटो खिंचाने के लिए तैयार
राज्यपाल ने कहा- सब फोटो खिंचाने के लिए तैयार, टीचर्स भी फोटो खिंचाने के लिए मैडम इधर आओ मैडम इधर आओ... क्या मैं फोटो खिंचवाने के लिए इधर आई हूं। दूसरा ये सेना का कक्ष था, इसी वजह से मुझे लगा कि एक अच्छा कार्यक्रम वहां होगा। आपने बच्चों को फलदार पौधा दिया, कहां लगाएंगे, वे क्यों लगाएंगे। लेकिन जहां लगाएंगे, वहां मां के नाम से लगाएंगे। मैंने एक सूचना सीएम साहब को दी है, जहां भी आप ये कार्यक्रम करते हो, वहां कोई न कोई भारत की विशिष्ट मां के नाम से गार्डन होना चाहिए। गार्डन का नाम भी बनाना चाहिए, जहां हजार पेड़ लगें। कार्यक्रम में विधायक सेवता ज्ञान तिवारी, विधायक महोली शशांक त्रिवेदी, विधायक महमूदाबाद आशा मौर्य, विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रद्धा सागर, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश शुक्ला, डीएम अभिषेक आनंद, एसपी चक्रेश मिश्रा सहित वन विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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