'मुस्लिम सबसे ज्यादा...', कांवड़ विवाद पर ये क्या बोल गईं हेमा मालिनी?

कांवड़ यात्रा को लेकर योगी सरकार ने एक बड़ा निर्देश जारी किया था. इसमें प्रदेश भर में कांवड़ यात्रा रूट पर सभी दुकानदारों के नाम लिखना जरूरी रहेगा. इसको लेकर विपक्ष लगातार योगी सरकार पर हमला बोल रहा है विपक्ष सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग को उठा रहा है. इसी बीच मथुरा से बीजेपी की संसद हेमा मालिनी ने इसको लेकर बड़ा बयान दिया है. 

हेमा मालिनी ने कही ये बात

यूपी में कांवड़ यात्रा में चल रहे मुस्लिम लोगों के हिंदू दुकानों के नाम पर सांसद हेमा मालिनी ने बोला कि व्यापार तो सभी करते है और मिलजुल कर व्यापार करना तो अच्छा है. मगर आपस में प्रेम बना रहे यही कोशिश होनी चाहिए. कांवड़ यात्रा को लेकर मुझे नही मालूम और मैं क्या बोलूं, मगर यहां पोशाक का काम बड़ी संख्या में मुस्लिम करते है. हम सब प्रेम से रहे, इसमें मुझे कोई बुराई नही लगती है.

दिनेश शर्मा ने किया था किया था समर्थन

सरकार के इस फैसले को लेकर  उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा, "निश्चित रूप से यह स्वागत योग्य कदम है और लोगों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द्र बढ़े इस भावना के साथ सरकार ने यह आदेश जारी किया है. इस आदेश में यह नहीं कहा गया है कि किसे कहां से सामान खरीदना है, जो जहां से चाहे वहां से सामान खरीद सकता है. दुकान के नीचे लगभग 40-50% लोग अपने मालिक का नाम लिखते हैं, मैं समझता हूं कि जो संविधान की व्यवस्था है उसमें धार्मिक आस्था का सम्मान और सरंक्षण का जो भाव दिया है उसके अंतर्गत यह एक बेहतर प्रयत्न है. हिंदू और मुसलमान मिलकर चलें, रामलीला में मुसलमान पानी पीलाते हैं तो लोग पीते हैं, ईद में हिंदू लोग उनका स्वागत करते हैं इसमें कोई आपत्ति नहीं है लेकिन जो व्रत, त्योहार, कांवड़ यात्रा के कुछ नियम हैं उनका उल्लंघन न हो. इस नीयत से यह निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है."

मुख्तार अब्बास नकवी ने कही थी ये बात 

कांवड़ मार्गों पर खाद्य पदार्थों की दुकानों पर 'नेमप्लेट' लगाने के निर्देश पर भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "एक सीमित प्रशासनिक दिशानिर्देश के कारण इस तरह का असमंजस हुआ था, मुझे खुशी है कि राज्य सरकार ने जो भी सांप्रदायिक भ्रम पैदा हुआ था उसे दूर किया है. मेरा यही कहना है कि इस तरह के विषयों पर किसी को सांप्रदायिक भ्रम फैलाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. यह किसी मुल्क, मजहब, मानवता के लिए अच्छा नहीं है. आस्था का सम्मान और आस्था की सुरक्षा पर सांप्रदायिक सियासत नहीं होनी चाहिए."

Dakhal News 20 July 2024

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