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राजस्थान की एक कोर्ट ने साल 2022 के 'सर तन से जुदा' नारे मामले में बड़ा फैसला लेते हुए दरगाह मौलवी सैयद गौहर हुसैन चिश्ती को बरी कर दिया है. इसी के साथ और पांच अन्य को भी बरी किया गया है, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर उनके कथित बयान को लेकर पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ एक विरोध रैली में कथित तौर पर 'सर तन से जुदा' नारा लगाया था.
जेल से बाहर आ कर हुसैन चिश्ती ने बयान दिया और कहा, "मेरे मामले में न्याय मिल गया है." गौरतलब है कि 17 जून, 2022 को अजमेर दरगाह के मुख्य द्वार पर दिए गए नफरत भरे भाषण के सिलसिले में बरी होने के बाद अजमेर शरीफ दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती ने सरकार को धन्यवाद दिया.
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2022 में बीजेपी से निष्कासित पूर्व नेता नूपुर शर्मा के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के दरवाजे पर नूपुर शर्मा के खिलाफ 'सर तन से जुदा' के नारे लगाए गए थे. दरअसल, 2022 में नुपुर शर्मा पर पैगंबर के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगा था, जिससे नराज खादिम हुसैन चिश्ती समेत कई लोगों ने भड़काऊ भाषण दिया था.
सरकारी वकील गुलाम नाजमी ने कहा कि अजमेर दरगाह के खादिम गौहर चिश्ती, तजीम सिद्दीकी, फारूक जमाली, नासिर, रियाज हसन और मोईन को अदालत ने बरी कर दिया है. सभी आरोपियों को सारी धाराओं में बरी कर दिया गया है. एडवोकेट ने कहा कि इस आदेश की जांच के बाद फैसले के खिलाफ अपील की जाएगी. मुकदमा अजमेर में एक अतिरिक्त जिला न्यायाधीश की अदालत में हुआ.
हुसैन चिश्ती पर आरोप लगा था कि उन्होंने 17 जून 2022 को नूपुर शर्मा की टिप्पणियों के खिलाफ मुस्लिम समुदाय की एक रैली से कुछ समय पहले पुलिस की मौजूदगी में नफरत भरा भाषण दिया था. केस रजिस्टर होने के बाद जुलाई 2022 में मुख्य आरोपी गौहर हुसैन चिश्ती को गिरफ्तार कर लिया गया था.
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