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कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने कहा कि गरीबों पर बुलडोजर नहीं चलना चाहिए. कुछ ऐसे अधिकारी हैं, जो पकड़े जाते हैं, उनके खिलाफ जांच कर कार्रवाई भी करते हैं. अधिकारियों की वजह से किरकिरी हो रही है. गरीब आदमी वहां 100 साल से है और आप बुलडोजर चला दे रहे हैं. उन्होंने अयोध्या में बुलडोजर की कार्रवाई की वजह से लोकसभा का परिणाम भुगतने के सवाल पर कहा कि अयोध्या की हार के लिए बुलडोजर ही एक वजह नहीं है इसके पीछे कई और वजह भी है, लेकिन यह भी एक वजह हो सकती है. कुछ लोगों को विस्थापित किया गया, लेकिन उनको ठीक ढंग से स्थापित नहीं किया गया. वे लोग इस पर चिंतन कर रहे हैं. विकास के लिए किसी को भी स्थापित करना हो, तो पहले उसे स्थापित किया जाना चाहिए. इसके साथ ही यह देखना चाहिए कि वह संतुष्ट है कि नहीं है. यह उन लोगों की जिम्मेदारी है. क्योंकि वे सभी लोग उनके अपने हैं. क्योंकि सभी लोगों के लिए वे आए हैं. सभी लोग सुख समृद्धि और खुशहाली के साथ रहे यह उनकी जिम्मेदारी है. कुछ सीटों पर अधिकारियों ने नुकसान पहुंचाया कैबिनेट मंत्री डॉ संजय निषाद ने नौकरशाह के अंदर हाथी और साइकिल होने के सवाल पर कहां कि जैसा कि जौनपुर में एक महिला के साथ हुआ. अधिकारी उस महिला को नहीं हम लोगों को उजाड़ रहे हैं. इसी तरह से बहुत हैं. उसमें एक प्रधान सपाई था उसके खिलाफ कम्प्लेन की थी. कम्प्लेन सही पाया गया. आप गोरखपुर के हैं और इससे भली-भांति समझ सकते हैं. जिला पंचायत का चुनाव इसका उदाहरण है. सपा के अधिकारी ने हारे हुए प्रत्याशी को जिताकर उसे प्रमाण पत्र दे दिया था. इसके बाद उनके लोगों ने आंदोलन किया और शाम को जांच के बाद रिजल्ट उनके पक्ष में आया और प्रमाण पत्र बदल दिया गया. उसे अधिकारी ने आयोग की साइट पर भी इसे डाल दिया था. जब उनसे सवाल किया गया तो वे सकारात्मक जवाब नहीं दे सके. कुछ अधिकारियों के अंदर ऐसी भावना है कि वह अपने लोगों के लिए उल्टा-सीधा काम करते रहेंगे और जब मुकदमे आएंगे, तो उनकी सरकार में खत्म हो जाएंगे. कुछ लोग ऐसे हैं जो समाज के साथ न्याय संगत नहीं कर रहे हैं डॉ. संजय निषाद ने कहा कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित किया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की बहुत से अधिकारी हैं, क्योंकि उन्हें इलेक्शन के समय पर बुलडोजर चलाने की क्या जरूरत थी. वे संत कबीर नगर से आ रहे थे तो लोगों ने उन्हें घेर लिया. उन्होंने पूछा कि क्या बात है तो उनके समाज के लोगों ने बताया कि वे लोग नाव से मछली मार कर आ रहे थे और दूसरे संप्रदाय के लोगों ने उन लोगों के साथ मारपीट कर दी. थाने में सिपाही ने भी मारपीट की और जबरदस्ती समझौता करा दिया. गैर संप्रदाय की युवक को उसी की हॉकी से चोट लग गई और उनके समाज के लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया. वह मार भी खाया और उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया. यह सब गलत है. ऐसे बहुत से लोग हैं जो इस तरह से कार्य करके वोट खराब कर रहे हैं
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