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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत बंद किए जा रहे मुसलमानों, आदिवासियों और दलित लोगों के भविष्य पर अपनी चिंता जताई। हैदराबाद के सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव नतीजों से कुछ सीखेंगे, लेकिन उन्होंने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।ओवेसी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, यूएपीए कानून आज फिर से खबरों में है। यह बेहद क्रूर कानून है जिसके कारण हजारों मुस्लिम, दलित और आदिवासी युवाओं को जेल में डाल दिया गया और उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी गई एआईएमआईएम प्रमुख ने आगे दावा किया कि कड़ा कानून 85 वर्षीय स्टेन स्वामी की मौत का कारण बना। आदिवासी कार्यकर्ता स्वामी की 2021 में न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो गई। उन्हें 2018 भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया था। ओवैसी ने लोकसभा में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) संशोधन अधिनियम विधेयक 2019 पर आपत्ति जताई और यूएपीए कानून बनाने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया इस कानून को 2008 और 2012 में कांग्रेस सरकार ने और भी सख्त बनाया था, मैंने तब भी इसका विरोध किया था। 2019 में जब बीजेपी फिर से और कड़े प्रावधान और छूट लेकर आई तो कांग्रेस ने बीजेपी का समर्थन किया। मैंने तब भी इस कानून का विरोध किया था।ष् तब उसने कहा। उन्होंने कहा, हमें मोदी 3.0 से उम्मीद थी कि वह चुनाव नतीजों से कुछ सीखेंगे लेकिन उन्होंने हमारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अत्याचार और ज्यादती का यह सिलसिला जारी रहेगा
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