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नर्मदापुरम। इटारसी-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग-69 पर सुखतवा नदी पर बना अंग्रेजी हुकूमत के दौरान बना करीब 150 साल पुराना लोहे का पुल एक 127 टन वजनी मशीन लेकर आ रहे ट्राॅले का भार नहीं सह सका। रविवार को दोपहर करीब डेढ़ बजे जब 138 पहिए वाला ट्राॅला इस पुल से गुजरा तो पुल भरभराकर ढह गया। हादसे के बाद इटारसी-नागपुर हाइवे पर यातायात बाधित हो गया है। दोनों तरफ लम्बा जाम लग गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के रिकार्ड अनुसार इस पुल की मियाद पूरी हो चुकी थी। हादसे के बाद मौके पर केसला-पथरोटा का पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस यातायात बहाल करने में जुटी है।
जानकारी के अनुसार पथरोटा की पावर ग्रिड कार्पोरेशन में लगाई जाने वाली 127 टन वजनी मशीन हैदराबाद से इस ट्राॅले में भेजी गई थी। गत 6 मार्च को मशीन को ट्राले लोड करके रवाना किया गया था। पुलिस के अनुसार 4 दिन पहले बैतूल के पास सातामऊ में ट्राॅला खराब होने से खड़ा रहा, इसे ठीक करने के लिए कंपनी के इंजीनियर आए थे। रविवार सुबह ही ट्राॅला मशीन लेकर इटारसी के लिए रवाना हुआ था। दोपहर करीब डेढ़ बजे जब ट्राला पुल से गुजरा तो अत्याधिक भार की वजह से पूरा पुल ढह गया। हादसे में ट्राला चालक और क्लीनर को मामूली चोट आई है। पुलिस ने दोनों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती किया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार तेज आवाज के साथ पूरा पुल टूटकर गिर गया। गनीमत रही कि हादसे के वक्त पुल के दोनों ओर कोई दूसरे वाहन नहीं था, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया, लेकिन पुल ढहने से रास्ता पूरी तरह बंद हो गया और यातायात थम गया। इस मार्ग पर यहां आवाजाही के लिए यह इकलौता पुल था, नदी के नीचे से कच्ची सड़क से दोपहिया वाहन तो किसी तरह निकल रहे हैं, लेकिन भारी वाहनों के गुजरने का रास्ता बंद हो गया है।
एनएचएई के उपमहाप्रबंधक संजीव शर्मा ने बताया कि सुखतवा पुल की आयु पूरी हो चुकी थी, काफी पुराना ब्रिज होने के कारण इसका आधिकारिक रिकार्ड तो नहीं है, लेकिन यह आयु पूरी करने के बावजूद सालों से उपयोग में लिया जा रहा था, अत्यधिक भारी ट्राॅले के भार के कारण यह हादसा हुआ है। शर्मा ने बताया कि नए फोरलेन के नक्शे में सुखतवा नदी पर नया पुल सड़क के साथ बनना है, हालांकि यह तैयार नहीं हुआ है, ऐसी हालत में हाइवे पर यातायात सुचारू करने के लिए वैकल्पिक मार्ग बनाना प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगा। इस मामले में पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह ने बताया कि यातायात सुचारू करने के लिए फोर्स तैनात किया गया है।
इस मामले में प्राथमिक जांच के बाद ट्राला मालिक पर प्रकरण दर्ज किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोखिम भरे या सड़क-पुल की भार क्षमता से ज्यादा भारी वाहनों की पासिंग के लिए विधिवत अनुमति ली जाती है, जिससे किसी तरह का हादसा न हो, लेकिन ट्राॅला संचालक और पावर ग्रिड कार्पोरेशन ने भारी मशीन लाने के लिए किसी तरह का सर्वे या अनुमति नहीं कराई, इस वजह से इतना बड़ा हादसा हुआ।
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